संभल : संभल में 3 सगे भाइयों ने फांसी लगा ली है, जिसमें 2 की मौत हो गई है। जबकि एक की हालत गंभीर है। एक भाई ने हथेली पर सुसाइड नोट लिखा है। इसमें लिखा है-घर की लाज रखना, राम राम…।

यह पूरी घटना धनारी क्षेत्र के औरंगाबाद की है। गांव के विजय सिंह यादव के तीन बेटे- मुनीश (22), बृजेश (20) और पान सिंह (19) थे। गुरुवार को पान सिंह का बृजेश और पिता विजय का दिल्ली जाने को लेकर विवाद हुआ।

इसके बाद गुस्से में पान सिंह घर से निकल गया। गुरुवार शाम 4 बजे खेत में जाकर उसने फांसी लगा ली। थोड़ी देर बाद जब गांव के लोगों ने पान सिंह की लाश देखी, तो परिजनों को सूचना दी। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। बिना पुलिस को सूचना दिए शव को उतारकर घर ले गए।

भाई का शव देखकर बृजेश भी बदहवास हो गया। इसको दोषी वह खुद को मानने लगा। कुछ देर बाद बृजेश भागकर कमरे में गया और अंदर से दरवाजा बंद करके फंदा लगा लिया। परिजन दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने ICU में शिफ्ट कर दिया।

वहीं, विजय का बड़ा बेटा मुनीश (22) पंजाब में काम करता था। परिवार में विवाद सुलझाने के लिए वह पंजाब से घर आ रहा था, तभी रास्ते में उसे पहले एक भाई की मौत की सूचना मिली। इसके कुछ ही घंटे बाद दूसरे भाई की फांसी लगाने की खबर मिली। शुक्रवार सुबह मुनीश की ट्रेन धनारी स्टेशन पहुंची। यहां स्टेशन पर उतरते ही उसने रिश्तेदारों को फोन किया।

उसने कहा कि मैं फांसी लगाने जा रहा हूं। आकर शव उठा ले जाना। रिश्तेदारों ने यह सूचना परिवार को दी। जब तक घरवाले स्टेशन पहुंचे तब तक मुनीश ने हाथ में सुसाइड नोट लिखकर जान दे दी। उसका शव गांव और स्टेशन के रास्ते के बीच पुल के नीचे गमछे के सहारे लटकता मिला। परिवार बेटे की लाश को फंदे से उतारकर घर ले आया। थोड़ी देर बाद दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

चचेरे भाई के मुताबिक, मुनीश ने घर पर कॉल करके बताया कि एक भाई मर गया है, दूसरा भी मरने वाला है। दो भाई नहीं रहेंगे तो मैं अकेले जीकर क्या करूंगा। मैं फंदा लगाकर जान देने जा रहा हूं। यहां आकर मेरी डेडबॉडी ले जाना। इसके बाद उसने अपने हाथ पर लिखा- हम दोनों भाइयों की आत्मा की शांति को घर की लाज रखना। सब लोगों को राम राम।

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