नई दिल्ली : देशभर में सर्दी के साथ कोहरे का भी कहर जारी है। देश की राजधानी दिल्ली में भी कड़ाके की ठंड ने यहां के निवासियों पर गंभीर असर डाला है। सिर्फ जनवरी में 15 लोगों की मौत हो गई। पीड़ितों की मौत आमतौर पर ठंड से बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अंगीठी (पारंपरिक ब्रेजियर) के धुएं की वजह हुई है। राजधानी में तापमान में गिरावट जारी है। कई लोग गर्म रहने के लिए पारंपरिक तरीकों की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ लोग ब्रेज़ियर का उपयोग भी शामिल है। जलते कोयले या लकड़ी से भरे ये धातु के कंटेनर सड़कों और घरों में आम दिखाई देते हैं, जो गर्मी पैदा करते हैं।
दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि यदि दिल्ली-एनसीआर के आस-पास के क्षेत्रों के आंकड़ों को शामिल किया जाए तो पारंपरिक ब्रेज़ियर के कारण कुल हताहतों की संख्या 20 से ज्यादा दर्ज की गई। अतुल गर्ग ने इन मौतों की दुर्भाग्यपूर्ण प्रकृति पर टिप्पणी की और इस बात पर जोर दिया कि कुछ सावधानियां बरतकर इन्हें आसानी से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि बंद जगहों पर अंगीठी जलाने के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता की कमी इन मौतों का मुख्य कारण है।
डीएफएस के निदेशक ने कहा कि जब ‘अंगीठी ‘ का उपयोग बंद कमरे में किया जाता है, तो यह ऑक्सीजन को खत्म करती है। इसके बाद सांस फूलने लगती है। इसके साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड और जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड का ऊंचा स्तर घातक खतरा पैदा करता है।
अतुल गर्ग के अनुसार आप एक बंद कमरे के अंदर जो कुछ भी जलाते हैं, जैसे हीटर, अंगीठी, या कॉइल आदि वे सभी ऑक्सीजन की खपत करते हैं। जब भी आप इन उपकरणों के साथ अपने कमरे को गर्म करने का इरादा रखते हैं, तो क्रॉस वेंटिलेशन के लिए एक खिड़की या दरवाज़ा थोड़ा खुला रखना सुनिश्चित करें।