- जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ पांच दिवसीय इंस्पायर साइंस शिविर
दैनिक उजाला संवाद, मथुरा : युवा मस्तिष्कों के लिए वैज्ञानिक प्रेरणा का प्रतीक पांच दिवसीय इंस्पायर साइंस शिविर का आयोजन जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में हुआ। साइंस कैंप में 11वीं एवं 12वीं के 200 छात्रों ने प्रतिभाग किया। इंटर स्कूली विद्यार्थियों को साइंस महत्ता बनाने के लिए वरिष्ठ वैज्ञानिक और शोधार्थी जीएलए में एक मंच पर जुटे।
भारत सरकार के डिपार्ट्मन्ट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नॉलजी द्वारा अनुदानित कार्यक्रम उन विद्यार्थियों के लिए था, जिन्होंने आईसीएसई बोर्ड 10वीं 97.83 प्रतिशत, सीबीएसई में 96 प्रतिशत, यूपी बोर्ड में 88.8 प्रतिशत से अधिक प्रतिशत प्राप्त किए हों, जिसका उद्देश्य उन्हें विज्ञान और अनुसंधान में भविष्य के लिए प्रेरित करना और मार्गदर्शन करना है। इस कार्यक्रम मे मथुरा, वृंदावन, हाथरस, आगरा, अलीगढ़ के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रभावशाली उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसमें पारंपरिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया गया। कार्यक्रम की समन्वयक डा. अंजना गोयल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने युवाओं में विज्ञान के प्रति जुनून जगाने के लिए शिविर के मिशन के बारे में बात की, जिज्ञासा और नवीन सोच को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उनके शब्दों ने दिन के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार किया, जिससे छात्रों को उनके सामने आने वाले अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान विद्यार्थियों के लिए खेलकूद, रंगारंग कार्यक्रम, निंबध प्रतियोगिता, क्विज आदि आयोजन कराये गये। इस दौरान विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का जमकर प्रदर्शन किया।
बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. शूरवीर सिंह ने इसके बाद एक ज्ञानवर्धक भाषण दिया। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में जैव प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डाला और विषय अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया। उनका संबोधन छात्रों को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपार संभावनाओं का पता लगाने के लिए आह्वान किया।
डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा ने अपने संबोधन में जीएलए विश्वविद्यालय में उपलब्ध शैक्षणिक उत्कृष्टता और अनुसंधान के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने छात्रों को समर्पण और दृढ़ता के साथ अपने वैज्ञानिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें उनकी शैक्षणिक यात्रा में विश्वविद्यालय के समर्थन का आश्वासन दिया।
प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान के भविष्य के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए एक प्रेरक भाषण दिया। उन्होंने दुनिया को आकार देने में युवा वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की और छात्रों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि मिरांडा हाउस कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व प्राचार्य डॉ. प्रतिभा जॉली ने भौतिकी की दुनिया में अपनी अंतर्दृष्टि से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने अनुभव और ब्रह्मांड को समझने पर वैज्ञानिक जांच के प्रभाव को साझा किया। उनका भाषण शिक्षाप्रद और प्रेरक दोनों था, जिससे छात्रों में भौतिकी के क्षेत्र में गहराई से जाने की उत्सुकता पैदा हुई।
सम्मानीय मुख्य अतिथि जेसी बोस विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के कुलपति प्रो. एसके तोमर ने गणित पर एक प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने जटिल समस्याओं को हल करने में गणितीय विज्ञान की सुंदरता और महत्व के बारे में बात की। उनका संबोधन गणित की सुंदरता और विभिन्न वैज्ञानिक विषयों में इसकी प्रासंगिकता का प्रमाण था।
पहले दिन के बाद फिर हर एक दिन अलग अलग शिक्षक गणों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए उनमें मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के वैज्ञानिक डा. निलॉय खरे, जेएनयू नई दिल्ली के प्रोफेसर जयंत कुमार त्रिपाठी, प्रोफेसर एके बक्शी, मिरांडा हाउस कॉलेज, नई दिल्ली की पूर्व प्राचार्य प्रो. मल्लिका वर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी की प्रो. प्रोफेसर बीसी दास, प्रोफेसर मनोज कुमार, हरीश चंद्र रिसर्च इंस्टिट्यूट, प्रोफेसर जी एस सोढ़ी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, डॉ संजय सिंह, जेनोवा बायोफार्मा शामिल है।
कार्यक्रम के समापन पर डिपार्ट्मन्ट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी से वैज्ञानिक डा. नमिता गुप्ता, इंस्पायर प्रोग्राम की प्रमुख डॉ तमन्ना अरोरा ने कार्यक्रम की सराहना की एवं बच्चों का साइंस की तरफ मार्गदर्शन किया। बायोटेक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया एवं विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के समापन में जिन बच्चों ने खेल कूद में, क्विज़ एवं निबंध प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया, उनको पुरस्कार और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। अंत में कार्यक्रम समन्वयक डा. अंजना गोयल ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।