नई दिल्ली : संभल की जामा मस्जिद सर्वे मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट खुलेगी नहीं। कोर्ट ने चंदौसी की ट्रायल कोर्ट से कहा कि 8 जनवरी तक केस में कोई एक्शन न लें। शांति जरूरी है। साथ ही, यह भी निर्देश दिया कि जब तक शाही ईदगाह कमेटी हाईकोर्ट नहीं जाती। तब तक इस मामले को आगे न बढ़ाया जाए।

इससे पहले, चंदौसी की सिविल कोर्ट में मामले में सुनवाई हुई। शुक्रवार को कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। हालांकि, रिपोर्ट पेश नहीं की गई। एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने कहा- 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी, इसलिए रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई।

जामा मस्जिद के वकील शकील अहमद ने कहा- कोर्ट से हमने इस केस से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट मांगे हैं। सर्वे रिपोर्ट आज सबमिट नहीं की गई। मस्जिद में अब कोई और सर्वे नहीं होगा। कोर्ट अब इस केस में अगली सुनवाई 8 जनवरी को करेगा।

संभल हिंसा का शुक्रवार को 6वां दिन है। जुमे को देखते हुए पूरे शहर में फोर्स तैनात है। संवेदनशील इलाकों की बैरिकेडिंग की गई है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- सभी अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे। बाहरी ताकतें यहां न घुस पाएं, हम इस पर नजर रख रहे हैं।

हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने गुरुवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित आयोग दो माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा में मारे गए युवकों को शहीद बताते हुए उनके परिजन को पांच-पांच लाख रुपए देने का ऐलान किया।

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