• जीएलए में संचार नियंत्रण और इंटेलिजेंट सिस्टम पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ

दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग ने संचार नियंत्रण और इंटेलिजेंट सिस्टम (सीसीआईएस 2024) पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। दो दिवसीय सम्मेलन ने वैश्विक शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्यमियों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने और संचार, नियंत्रण और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। सम्मेलन के दौरान कई देशों से 900 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए।

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और उसके बाद सरस्वती वंदना हुई। सम्मेलन के जनरल चेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. विनय कुमार देवलिया ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों, संकाय सदस्यों और छात्रों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने सम्मेलन का एक संक्षिप्त अवलोकन प्रस्तुत किया और सीसीआईएस-2024 के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला।

विभाग के एसोसिएट हेड डा. मनीष गुप्ता ने सीसीआईएस 2024 सम्मेलन के विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उभरती प्रौद्योगिकियों के परिप्रेक्ष्य के माध्यम से बुद्धिमान समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संचार नियंत्रण और बुद्धिमान प्रणालियों के क्षेत्र में अत्याधुनिक विकास को लाने पर ध्यान केंद्रित किया। इसके अतिरिक्त, डा. मनीष कुमार ने सम्मेलन के सम्मानित अतिथियों जैसे मुख्य अतिथि, सम्मानित अतिथि, विश्वविद्यालय सलाहकार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का परिचय दिया।

जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों का का स्वागत करते हुए सीसीआईएस सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि, आईआईटी जम्मू के निदेशक प्रो. मनोज सिंह गौर ने संचार, नियंत्रण और ऊर्जा परिदृश्य को बदलने में उभरती प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर अंतर्दृष्टि साझा की। मुख्य अतिथि ने ब्रज में सीसीआईएस 2024 का हिस्सा होने पर अपने आप को सौभाग्यशाली कहा। उन्होंने एआई-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने 5जी और आगामी 6जी प्रौद्योगिकियों के विकास पर प्रकाश डाला।

प्रो. गौड़ ने आवश्यक सेवाओं में पहुंच और दक्षता बढ़ाने में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और एआई-सक्षम चिकित्सा सहायता की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनियां भारत को एआई आधारित बुनियादी ढांचे के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में कैसे देखती है, जिसमें एआई प्रौद्योगिकियों को अपनाया जा रहा है और अभिनव अनुप्रयोग हैं। उनकी अंतर्दृष्टि ने दर्शकों को एक स्मार्ट और एआई की विशाल संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रेरित किया। शिक्षा और नेतृत्व में अपने व्यापक अनुभव से आकर्षित होकर सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक अनुप्रयोगों के साथ अभिनव अनुसंधान को एकीकृत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने वैश्विक मुद्दों को हल करने, नवाचार को पोषित करने और अगली पीढ़ी के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने में सहयोग की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में भी बात की।

सम्मानित अतिथि एएमएस एजी के कंट्री हेड राजेश गुप्ता ने उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को भविष्य के लिए प्रभावशाली और टिकाऊ समाधान बनाने पर ध्यान देने के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए प्रेरित किया।

सम्मानित अतिथि स्टर्लिंग जीटेक ई-मोबिलिटी कंपनी के एचआर विभाग के प्रमुख विक्रम बिश्नोई ने ई-मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार और मानव पूंजी की विकसित भूमिका पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। उन्होंने संचार, नियंत्रण और ऊर्जा प्रणालियों में उभरती प्रौद्योगिकियों की मांगों के साथ कार्यबल क्षमताओं को संरेखित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अंत में निरंतर सीखने और अनुकूलन क्षमता की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।

विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि ज्ञान प्राप्त करना बिना किसी जटिलता के सभी के लिए सुलभ एक मौलिक अधिकार है। पवित्र ग्रंथों में छंदों से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में मानवता, सादगी और आजीवन सीखने के मूल्यों पर प्रकाश डाला।

जीएलए के एसोसिएट डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शुक्ला द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों, वक्ताओं, प्रायोजकों, आयोजकों और स्वयंसेवकों को उनके अटूट समर्थन और समर्पण के लिए सभी गणमान्यों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह एवं डा. परेश चन्द्र साहू ने कहा कि यह सम्मेलन विद्यार्थियों के हित और भविष्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। सम्मेलन में कॉरपोरेट और शैक्षिक जगत के दिग्गज जुटे। विभाग के प्रोफेसर अंजन कुमार, शैलेश कुमार सारस्वत, दिवाकर अग्रवाल, धीरज कालरा, अलका अग्रवाल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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