• मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जेसीबी पर सवार होकर भारी बारिश और बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जिसका वीडियो सामने आया है

देहरादून : उत्तराखंड में लौटते मॉनसून ने तबाही मचा दी है। देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से अफरा-तफरी मच गई है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के मालदेवता-केसरवाला क्षेत्र में भारी बारिश और बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जिसका वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सीएम धामी जेसीबी पर सवार होकर क्षेत्र का दौरा करने जा रहे हैं। वहीं, सीएम धामी का आज जन्मदिन भी है।

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा, “लगभग 25-30 जगहों पर सड़कें पूरी तरह से बह गई हैं। घरों को काफी नुकसान पहुंचा है। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है। इसे सामान्य करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। कई संपर्क मार्ग कट गए हैं। नदियों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है।”

मालदेवता में 100 मीटर सड़क बही

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और सरकार इसे सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण मालदेवता, रायपुर में करीब 100 मीटर लंबी सड़क बह गई है। कई संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट गए हैं, जिससे आवागमन बाधित हुआ है। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, और सरकार प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है।

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि देहरादून में सहस्त्रधारा और मालदेवता एवं मसूरी से भी नुकसान की खबरें मिली हैं। देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। मसूरी में एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली है और इसकी पुष्टि की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, वहीं 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। 

इसके अलावा, भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे से नैनीताल में एक सड़क आवागमन के लिए बंद हो गई है। वहीं, मझारा गांव के निवासी सड़कों पर इकट्ठा हैं और उनका कहना है कि वे भूस्खलन से बाल-बाल बचे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं।

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