जैसलमेर : राजस्थान के जैसलमेर में स्लीपर बस अग्निकांड में झुलसे 10 साल के बच्चे ने भी आज दम तोड़ दिया। हादसे में मरने वालों की संख्या अब 21 हो गई है।
आज सुबह 2 और मरीजों की हालत बिगड़ी है। इन्हें भी वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। भाटी ने डीएनए सैंपल में परिवारों को हो रही परेशानी पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में वेरिफिकेशन के कारण थोड़ा समय लगता है।
इस अग्निकांड में अब तक 20 लोगों की मौत हुई है। शवों की पहचान के लिए जोधपुर और जैसलमेर के हॉस्पिटल में परिवारों के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं।
बुधवार सुबह हादसे का शिकार सेना के जवान के परिवार ने प्रोसेस को लेकर नाराजगी जताई थी। जोधपुर के एक परिवार ने भी परेशान करने का आरोप लगाया था।
दरअसल, मंगलवार दोपहर 3.30 बजे जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस में आग लग गई थी। हादसे के 18 घंटे बीतने के बाद भी शवों की पहचान नहीं हो सकी है।

मंगलवार देर रात तक बस के अंदर से सभी शव निकाल लिए गए। शव निकालने के लिए आर्मी की मदद ली गई।
अग्निकांड के बड़े अपडेट
1. बस में पटाखे होने का अंदेशा: स्लीपर बस में आग लगने के कारणों को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे है। सबसे पहले बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की बात सामने आई थी। इसके बाद एसी का कम्प्रेशर पाइप फटने से आग लगने का दावा था। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि बस की डिग्गी पटाखों से भरी थी, इस कारण आग भड़की।
2. मृतकों को 2 लाख, घायलों को 50 हजार की मदद: जैसलमेर बस हादसे में प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट की है, जिसमें लिखा- राजस्थान के जैसलमेर में हुई दुर्घटना से हुई जान-माल की हानि से मन व्यथित है।
3. मंत्री बोले- कुछ लोग खाक हो गए: गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया- पीछे से धमाके की आवाज आई। हमें लग रहा है एसी का कंप्रेशर फट गया। गैस और डीजल के साथ मिलकर बहुत भीषण आग लगी। एक ही दरवाजा था। इसलिए लोग फंस गए। आगे की सीट वाले निकल गए। बस से जो बॉडी निकाली जा सकीं, आर्मी ने निकाल लीं। जो बिल्कुल ही खाक हो गए, उनका कहा नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार रात जैसलमेर के आर्मी कैंट में पहुंचे। यहां जली हुई बस को खड़ा किया गया है। उन्होंने भी बस के अंदर जाकर हादसे की भयावहता को समझने की कोशिश की।

कई झुलसे यात्रियों ने चलती बस से कूदकर अपनी जान बचाई। कई घायल सड़क किनारे लोगों से मदद मांगते दिखे।

हादसे में कई बच्चे भी बुरी तरह झुलसे। ज्यादातर गंभीर घायलों को जोधपुर के हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है।

घायलों को ग्रीन कॉरिडोर से जोधपुर भेजा गया। इस दौरान राजस्थान के बड़े डॉक्टर्स की टीम उनके इलाज में जुटी है।

सीएम भजनलाल शर्मा मंगलवार रात घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों को घटना की जानकारी ली।
जैसलमेर के 7 लोग इस हादसे में लापता
इस हादसे के बाद से जैसलमेर के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले 7 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आशंका है कि ये सभी हादसे का शिकार हुए हैं।
इनमें…
1. राजेन्द्रसिंह चौहान, निवासी मैनपुरा
2. दीपक हरिजन, निवासी गांधी कॉलोनी
3. गोपीलाल, निवासी लाठी
4. शाहरूख खां, निवासी जैसलमेर
5. बरकत खां, निवासी बासनपीर
6. हसीना, निवासी बम्बरों की ढाणी
7. इरफान, निवासी बम्बरों की ढाणी
डॉक्टर बोले-5 घायलों की हालत गंभीर
डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया- मंगलवार को 16 घायल रेफर हुए थे,जिनमें से एक ही रास्ते में मौत हो गई और 15 को यहां भर्ती किया गया था।
3 घायल की हालत गंभीर है, उन्हें वेंटिलेटर पर लेना पड़ा। दो लोगों को सुबह वेंटिलेटर पर लिया गया।
ऐसे में कुल 5 लोग वेंटिलेटर पर हैं, जिनकी स्थिति काफी क्रिटिकल है। बाकी बचे हुए 10 में से तीन-चार घायलों की हालत ठीक हैं।
नेता प्रतिपक्ष बोले- सरकार मौत के नंबर छिपा रही है
जैसलमेर बस हादसे पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर जैसलमेर हादसे में मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है।
जूली ने कहा उन्होंने जैसलमेर कलेक्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन नेता प्रतिपक्ष का फोन तक नहीं उठाया गया।
आरोप लगाया कि प्रदेश में टैंकर हादसे से लेकर SMS अस्पताल तक, लगातार हो रही दुर्घटनाएं सरकार की नाकामी को उजागर कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार हर बार जिम्मेदारी तय करने के बजाय आंकड़े छिपाने और लापरवाही ढंकने में लग जाती है।
जोधपुर और जैसलमेर के हॉस्पिटल में लिए जा रहे हैं सैंपल
मृतकों की पहचान के लिए उनके दो निकटतम परिजनों से डीएनए सैंपल लिए जाएंगे।
इसके लिए जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के कॉटेज संख्या 4 और 5 में और जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में विशेष व्यवस्था की गई है।
इस प्रक्रिया के लिए अजमेर और बीकानेर से भी टीमें बुलाई गई हैं।

एक मृतक के परिवार के बुजुर्ग से का ब्लड सैंपल लेती टीम।

