लखनऊ : यूपी से 13 अक्टूबर को मानसून की विदाई हो गई। पोस्ट मानसून में जमकर बारिश हुई। इसके बाद अंदाजा लगाया जाने लगा है कि पिछले सालों की तुलना में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। सुबह–शाम ठंड की शुरुआत भी हो चुकी है। सुबह के समय कई इलाकों में हल्की धुंध और ओस गिर रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले 10 दिनों में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज होगी, जिससे सर्दी और बढ़ जाएगी।
ठंड की रहेगी नॉर्मल स्थिति
नोएडा स्थित स्काई-मेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत के अनुसार, इस बार सर्दी का मौसम सामान्य रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर जो यह चर्चा चल रही है कि इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी, ये केवल अफवाह और कयास हैं।
पलावत ने बताया कि ऐसा कहा जा रहा है, क्योंकि ला नीना (La Nina) की स्थिति को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सटीक नहीं है। 1950 के बाद अब तक तीन बार ऐसा हुआ है कि लगातार 3 साल तक ला नीना रहा है। इसका एक हाल ही का उदाहरण है कि 2021 2022 और 2023 में लगातार ला नीना रहा है। ऐसे में इस बार भी सर्दी का असर सामान्य ही रहने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक की मानें तो पश्चिमी और सेन्ट्रल उत्तर प्रदेश में दिसंबर लास्ट और जनवरी के दौरान अच्छी ठंड 6°C से 8°C तक महसूस की जा सकती है, जबकि पूर्वी यूपी में तापमान 10°C से 12°C पर रहेगा। नवंबर में मौसम लगभग 15°C से 25°C के बीच रहेगा यानी सामान्य। मार्च में वसंत ऋतु की शुरुआत के साथ तापमान 25°C से ऊपर पहुंचने लगेगा। हालांकि ये अलग-अलग जगहों पर निर्भर करेगा कि किस शहर का कितना तापमान है।
महेश पलावत ने बताया, यदि इस दौरान वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय हो गया, तो उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी या ओस जैसी स्थितियां बन सकती हैं। इसका असर उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल सकता है, जिससे कुछ दिनों के लिए सीवियर ठंड (Severe Cold) महसूस की जा सकती है। ऐसे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अचानक गिरावट आएगी, लेकिन यह गिरावट लगभग 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस तक ही होगी । यानी बहुत ज्यादा कड़ाके की ठंड की संभावना नहीं है।
क्या होता है ला नीना प्रभाव?
ला नीना एक जलवायु पैटर्न है। इसका दुनिया भर के मौसम पर असर पड़ता है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें पानी भाप बनकर ऊपर जाता है और आसमान में बादल छा जाते हैं और फिर बारिश होती है।
भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला नीना पर ही निर्भर करती है। भारत में ‘ला नीना’ की वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक ला नीना का संबंध प्रशांत महासागर के समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है।
कब महसूस होती है ठंड?
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव के अनुसार आने वाले हफ्ते में दो-तीन ठंड पड़ने का आसार है। हालांकि राज्य में दिन का तापमान सामान्य ही रहेगा। सुबह और शाम को थोड़ी ठंड होगी, लेकिन बहुत ज्यादा ठंड नहीं होगी। जब तक अधिकतम तापमान में कमी नहीं आएगी। नवंबर में भी ठंड आएगी और जाएगी, बहुत कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी। जब दिन का तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस तक आता है, तब ठंड महसूस होना शुरू होती है। इसके साथ ठंडी हवाओं का भी होना जरूरी है।
साल 2024 में दिसंबर में पड़ी कड़ाके की ठंड
उत्तर प्रदेश में सर्दी का मौसम 2024 में दिसंबर के अंत से शुरू हुआ। इसका मतलब यह है कि अक्टूबर और नवंबर में ठंड महसूस तो हुई थी, लेकिन गंभीर ठंड या कोल्ड‑वेव जैसी परिस्थितियां नहीं थीं। IMD के अनुसार पिछले साल दिसंबर तक पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया था। इसके चलते ठंड की शुरुआत काफी देर से हुई थी।
IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) के अनुसार 26 दिसंबर 2024 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठंड के बढ़ने की चेतावनी जारी हुई। और 28 दिसंबर 2024 को अधिक ठंड बढ़ने की चेतावनी दी गई। पश्चिमी यूपी में रात का तापमान 5°C या उससे नीचे गिरने लगा था।
मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश के अनुसार, लखनऊ में 2024 में नवंबर में 30 नवंबर को न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस और 21 नवंबर को अधिकतम 25.5 दर्ज किया गया। 12 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 5.5 तो अधिकतम 14.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जनवरी में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस और 30 जनवरी को अधिकतम तापमान 16.2 दर्ज किया गया था।

