नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने अंशधारकों के लिए ई-पासबुक की नई सुविधा शुरू की है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को इसे लॉन्च किया। ईपीएफओ ने बताया कि नई सुविधा के जरिये उसके अंशधारक अपने खाते के बारे में अधिक विवरण ग्राफिकल रूप में देख सकेंगे।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने बयान जारी कर कहा कि नई पासबुक में अब सदस्य ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन के साथ अपने खाते के बारे में अधिक विवरण देख सकेंगे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2023 में ईपीएफओ में 14.86 लाख सदस्य शामिल हुए हैं।
जारी किए गए बयान के मुताबिक, बोर्ड ने पोर्टफोलियो मैनेजर्स के एएमसी के विस्तार और निर्धारित सीमा में निवेश की किसी भी स्वीकार्य श्रेणी में ईटीएफ से आने वाली आय को निवेश करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
इसके अलावा बयान में कहा गया कि बोर्ड ने ईपीएफओ और एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के बीच साइन हुए एमओयू को भी मंजूरी दे दी है।
खाते में 10 लाख हैं तो मिलेगा सिर्फ 500 रुपये ज्यादा ब्याज
ईपीएफओ के ब्याज दरों में बढ़ोतरी का अंशधारकों को मामूली लाभ मिलेगा। इस वृद्धि के बाद किसी अंशधारक के ईपीएफ खाते में 10 लाख जमा हैं तो 8.15 फीसदी ब्याज के हिसाब से उसे 81,500 रुपये का ब्याज मिलेगा। यह 2021-22 की तुलना में सिर्फ 500 रुपये ज्यादा है। उस दौरान 10 लाख रुपये के जमा पर ईपीएफओ 81,000 रुपये का ब्याज देता था।