दैनिक उजाला डेस्क, नई दिल्ली : दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ में बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ घंटों में ये उसी क्षेत्र में इस चक्रवाती तूफान के और तेज होने की संभावना है। यह चक्रवाती तूफान तेजी से भारत के तटीय इलाके की ओर बढ़ रहा है। अगले कुछ घंटों में इस तूफान के और तेज होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। आईएमडी का कहना है कि इसके चलते 24 घंटे में कोंकण के तटीय इलाके रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदर्ग के अलावा मुंबई, ठाणे व पालघर में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, पूर्व-मध्य, पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के आस-पास के इलाकों में 7 जून शाम से 105-115 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 125 किमी प्रति घंटे तक तेज हवा चलने की संभावना है। 8 जून को, कर्नाटक-गोवा-महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी जारी की है।
24 घंटों में इस चक्रवाती तूफान के और तेज होने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक साइक्लोन गोवा के लगभग 900 किमी वेस्ट-साउथ में, मुंबई से 1020 किमी साउथ-वेस्ट में है। वहीं पोरबंदर से 1090 किमी साउथ-साउथ वेस्ट में और कराची से 1380 किमी साउथ में था।

चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ एक निम्न दबाव का क्षेत्र है, जो वर्तमान में दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में यह और तेजी हो सकता है। चक्रवात ‘बिपारजॉय’ इस मौसम में अरब सागर में बनने वाला पहला चक्रवात है। बांग्लादेश ने इस तूफान का नाम ‘बिपरजॉय’ रखा है। मौसम विभाग के अनुसार, कोंकण, गोवा व महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

IMD ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने तूफान ‘बिपरजॉय’ को लेकर अलर्ट जारी किया है। तूफान के चलते मौसम खराब होगा। ‘बिपरजॉय’ के खतरे को देखते हुए गुजरात में भी एहतियाती कदम उठाए जा रहे है। गुजरात के सभी बंदरगहों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए है। प्रशासन ने मछुआरों को गहरे समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के चलते केरल-कर्नाटक के तटीय और लक्षद्वीप-मालदीव के इलाकों में कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना जताई गई है।

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