लखनऊ : अब राजकीय माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को भी निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। मुफ्त पाठ्यपुस्तकें मिलने से विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। अभी धन की कमी के कारण किताबें न खरीद पाने वाले गरीब घरों के छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। अभी इन स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों को फ्री पाठ्यपुस्तकें दी जा रही हैं। अब इसका दायरा इंटरमीडिएट तक बढ़ाया जाएगा।

अभी परिषदीय स्कूलों व माध्यमिक स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों को ही निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर कई राज्यों में कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को यह सुविधा दी जा रही है। इसमें गुजरात, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु शामिल हैं। निम्न आय वर्ग के तमाम अभिभावकों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। मगर अब आगे उन्हें परेशान नहीं होना होगा।आगे माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को भी यह लाभ दिया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में 2428 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने में कुल 19.70 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी। शासन स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक में इस पर मंथन किया गया। अभी परिषदीय स्कूलों व माध्यमिक स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों को ही निश्शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जा रही हैं।

कई राज्यों में पहले से है यह सुविधा

वहीं दूसरी ओर कई राज्यों में कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को यह सुविधा दी जा रही है। इसमें गुजरात, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु शामिल हैं। अब यूपी में भी विद्यार्थियों को यह सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। ताकि विद्यार्थियों को समय पर किताबें मिल सकें व पढ़ाई के प्रति उनका रुझान और बढ़ सके।

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