- राम मंदिर निर्माण के संकल्प के कारण बाबा ने घर-परिवार भी छोड़ दिया।
- 31 साल बाद उनका संकल्प पूरा होने जा रहा है।
- उन्होंने एलएलबी और दर्शनशास्त्र से एमए की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2004 तक वकालत भी की।
अयोध्या : भगवान श्री राम का मंदिर जब तक नही बनेगा, तब तक विवाह ना करने का संकल्प लेने वाले बैतूल के भोजपाली बाबा उर्फ रविन्द्र गुप्ता को प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया है। ‘शिला की जगह लगा दे प्राण, बिठा दे वहां राम भगवान। सजग हो रघुवर की संतान, ठाट से कर मंदिर निर्माण।’ इसी क्षण के लिए इंतजार कर रहे भोजपाली बाबा को विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा मिलानपुर ग्राम पहुंचकर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु अयोध्या से आया आमंत्रण पत्र सौंपा गया।
वर्ष 1992 में 21 वर्ष की उम्र में कारसेवा के लिए अयोध्या पहुंचे भोजपाली बाबा ने संकल्प ले लिया था कि जब तक रामलला का भव्य मंदिर नहीं बनेगा, तब तक वे विवाह नही करेंगे। 52 वर्ष की उम्र पूरी होने पर उनका संकल्प पूरा हो रहा है।
बाबा ने चर्चा के दौरान कहा कि यह करोड़ों सनातनियों का सपना था कि उनके रामलला भव्य मंदिर में विराजें। कार सेवा करने जब अयोध्या गए तभी आरएसएस से जुड़ाव हो गया था। अपने संकल्प के कारण वे घर छोड़कर बैतूल जिले के मिलानपुर गांव के भैरव नाथ मंदिर में आ गए थे। उन्हें खुशी है कि 31 वर्ष बाद उनका संकल्प पूरा होने जा रहा है। इस अवसर का साक्षी बनने का मौका भी प्रभु श्री राम की कृपा से मिल रहा है।
भोजपाली बाबा ने बताया कि एलएलबी और दर्शनशास्त्र से एमए की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2004 तक वकालत भी की। इसके बाद घर छोड़ दिया।