- अरविंद केजरीवाल के सुंदरकांड का पाठ कराने के ऐलान के बाद ओवैसी ने विपक्ष पर पीएम मोदी के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया
नई दिल्ली : अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के उद्धाटन से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में हर महिने सुंदरकांड पाठ का ऐलान किया है। आम आदमी पार्टी की तरफ से किया गया ऐलान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को पसंद नहीं आया है। उन्होंने आप प्रमुख को उनके इस फैसले पर जमकर घेरने के साथ ही उन्हें आरएसएस का छोटा रिचार्ज तक बता दिया। वहीं, औवैसी के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया है।
अरविंद केजरीवाल के सुंदरकांड का पाठ कराने के ऐलान के बाद ओवैसी ने विपक्ष पर पीएम मोदी के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “देश के मुसलमान और सेक्युलर सोच रखने वाले हिंदू देख लें कि किस तरह हिदुत्व की प्रतिस्पर्धा हो रही है। वहीं, उन्होंने अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना निशाना साधा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,“बिल्किस बानो के मुद्दे पर चुप रहने वाले आरएसएस के छोटा रीचार्ज ने फैसला लिया है की दिल्ली की हर विधानसभा क्षेत्र में हर महीने के पहले मंगलवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा। यह फैसला 22 जनवरी के उद्घाटन की वजह से लिया गया।
आपको याद दिला दूं के ये लोग ने बिल्किस बानो के मसले पर चुप्पी बनाई रखी थी और कहा था के वो सिर्फ शिक्षा और सेहत जैसे मसलों पर बात करना चाहते हैं। क्या सुंदरकांड पाठ शिक्षा है या सेहत? असल बात तो यही है के इन्हें इंसाफ से परहेज है। संघ के एजेंडे का पूरा साथ दे रहे हैं। हम बाबरी की बात भी ना करें, आप न्याय, मोहब्बत, फलाना का बाजा बजाते रहो और साथ में हिंदुत्व को मजबूत करते रहो। वाह!”
वहीं, हैदराबाद में पत्रकारों से मंगलवार को बात करते हुए ओवैसी ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशना साधा। ऑउन्होंने कहा, ‘मैंने जब यह देखा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार ने तय किया है कि हर मंगलवार को वह सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़वाएंगे। इस पर मैंने कहा है कि आप लोग बीजेपी से कैसे अलग हैं। आप और बीजेपी-आरएसएस में कोई फर्क नहीं है।’
हिंदुत्व की प्रतिस्पर्धा हो रही
ओवैसी ने कहा, ‘मैं फिर से कह रहा हूं कि इस देश में बहुसंख्यक वर्ग के वोट को कैसे हासिल किया जाए उसके लिए हिंदुत्व की प्रतिस्पर्धा हो रही है। मैं इस देश के मुसलमानों से अपील कर रहा हूं कि आप लोग देखिए। यह जो खेल हो रहा है इसमें क्या हो रहा है बताइए, हिंदुत्व की प्रतियोगिता की राजनीति को अपनाया जा रहा है। अभी भी इस देश में के सेक्युलर जेहन रखने वाले हमारे हिंदू भाई और मुसलमान इसको नोटिस नहीं लेंगे तो नुकसान किसका होगा? आपको शिकायत मुझसे होगी, बताइए इस पर क्या बोलेंगे आप, ये जो सारे तमाशे किए जा रहे हैं। क्या यह हिंदुत्व की प्रतियोगिता नहीं है, क्या यह बहुसंख्यक वर्ग के वोट को हासिल करने की कोशिश नहीं की जा रही हैं, कहां पर सेक्युलरिज्म दफन हो गया।”