अयोध्या : अमरीकी निवेश फर्म जेफरीज़ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भगवान राम का यह विशाल मंदिर एक साल में 50 मिलियन से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में प्रति वर्ष अनुमानित 30-35 मिलियन लोग आते हैं, जबकि तिरूपति मंदिर में 25-30 मिलियन लोग आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर, वेटिकन सिटी में हर साल लगभग 9 मिलियन पर्यटक आते हैं और सऊदी अरब के मक्का में लगभग 20 मिलियन पर्यटक आते हैं। इससे साफ होता है कि मंदिर मक्का और वैटिकन सिटी का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पर्यटन में सहायता के लिए शहर में हवाई अड्डे का फेज 1 अब चालू है, जिसमें 10 लाख यात्रियों की परिचालन क्षमता है। इसे 2025 तक 6 मिलियन तक बढ़ा दिया जाएगा। इसके अलावा, रेलवे ने अपनी क्षमता भी दोगुनी कर 60,000 यात्री प्रति दिन कर दी है। वर्तमान में अयोध्या में 590 कमरों वाले लगभग 17 होटल हैं। 73 नए होटल पाइपलाइन में हैं, जिनमें से 40 पहले से ही निर्माणाधीन हैं। यहां इंडियन होटल्स, मैरियट और विंडहैम पहले ही होटलों के लिए सौदे पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। वहीं आईटीसी अयोध्या में संभावनाएं तलाश रही है। OYO की योजना अयोध्या में 1,000 होटल कमरे जोड़ने की है।

रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि राम मंदिर उद्घाटन समारोह से पहले, अयोध्या शहर के पुनरुद्धार और पुनर्विकास के लिए 10 बिलियन डॉलर (लगभग 85,000 करोड़ रुपये) से अधिक खर्च किया गया है। इसके साथ ही और अधिक फंड जुटाने की भी योजना है।

बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक पर्यटन से भारत को लगभग 200 बिलियन डॉलर की कमाई होती है। भारत की अर्थव्यवस्था में इसका 7% का योगदान है। एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि अयोध्या के इस व्यापक पुनरुद्धार से उत्तर प्रदेश सरकार को 25,000 हजार करोड़ से अधिक का कर राजस्व प्राप्त हो सकता है।

इकोनॉमिक टाइम्स ने एसबीआई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में अयोध्या और उत्तर प्रदेश के लिए कई एजेंसियों द्वारा किए गए पर्यटन अनुमानों को ध्यान में रखते हुए, यह संभावना है कि उत्तर प्रदेश में पर्यटकों द्वारा कुल खर्च वर्ष के अंत तक 4 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है।

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