- जहां भी जा रहे हैं शिवराज वहां भावुक हो जाती हैं बहनें…। क्या इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं शिवराज…।
भोपाल : पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान हर दिन सुर्खियों में बने हुए हैं। खासकर जब भी वे जनता के बीच जाते हैं, लोग भी भावुक हो जाते हैं और वे खुद भी भावुक हो जाते हैं। जनता के साथ शिवराज के भावुक पलों के वीडियो पोटो वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया शाहगंज में देखने को मिला जब शिवराज से लिपटकर लाडली बहनाएं रोने लगीं। शिवराज ने उन्हें ढांडस बंधाया कि वे उनके बीच में ही रहेंगे, उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान बुदनी विधानसभा के शाहगंज क्षेत्र पहुंचे थे। उन्होंने वहां भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसी दौरान लाडली बहनों का प्रेम भी भैया शिवराज पर उमड़ पड़ा और वे शिवराज से लिपटकर रोने लगीं। यह देख शिवराज भी भावुक हो गए और उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि वे अपनी बहनों और भांजे-भांजियों को छोड़कर कही नहीं जाएंगे। तभी मंच से संबोधित करते हुए शिवराज का दर्द भी छलक पड़ा। चौहान ने कहा कि कभी-कभी राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है। हालांकि इसके पीछे कोई बड़ा उद्देश्य होगा यार…। लेकिन जरूर किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है।
चौहान ने एक बार फिर दोहराया कि मुख्यमंत्री पद तो आता-जाता रहता है, लेकिन मामा और भाई का पद कभी कोई नहीं छीन सकता। शिवराज ने साफ कह दिया कि मामा आपके बीच ही रहेगा, वो कहीं नहीं जाएगा। चौहान ने कहा कि उनके द्वारा चलाई गई सभी योजनाएं यथावत चल रही हैं और आगे भी जारी रहेगी। भाजपा सरकार इसे आगे लेकर जाएगी। इसमें बहनों, भांजे-भांजियों और किसानों का ध्यान रखा जाएगा।
इससे पहले, मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद जब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने कर्मक्षेत्र विदिशा पहुंचे तो वहां का नजारा ही बदला हुआ था। वहां के बाढ़ वाले गणेश मंदिर परिसर में जब शिवराज पहुंचे तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। महिलाओं और बुजुर्गों की आंखों में आंसू थे। यह देख शिवराज भी अपने आप पर काबू नहीं कर पाए और वे भी रोने लगे। महिलाओं ने करीब 35 मिनट तक उन्हें घेरे रखा। महिलाएं और वहां मौजूद लोग बार-बार नारे लगा रहे थे कि हमारा सीएम हमें वापस दे दो। माहौल इतना भावुक हो गया था कि शिवराज सिंह (shivraj singh chauhan) भी खुद पर काबू नहीं रख पाए और उन्हें भी अपने आंसू पौंछना पड़े। यहां गणेश जी की पूजा के बाद जब शिवराज सिंह अपने समर्थकों को संबोधित करने खड़े हुए तो आवाज आई कि- विदिशा अनाथ हो गया…इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विदिशा को अनाथ नहीं होने दूंगा। सरकार के पीछे रहकर जो काम हो सकता है वह सब करूंगा।
पिछले माह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह ने सीएम हाउस में प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें दिल्ली नहीं जाने की बात पर कहा था कि एक बात मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा, इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाउंगा। इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे। इसके साथ ही शिवराज जहां भी जा रहे हैं, उनके साथ भावुक नजारा जुड़ जाता है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह भी कहा जाता है कि क्या शिवराज आलाकमान को इशारों ही इशारों में कुछ संदेश देना चाहते हैं या इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं।
सीएम हाउस से विदाई पर बोले शिवराज, अपने लिए मांगने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा