नई दिल्ली : देश में कैंसर रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कैंसर पीड़ितों की संख्या में अगले दो साल तक लगभग एक लाख की वृद्धि होने का अनुमान है। हृदय रोगियों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है।
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के आंकड़ों के अनुसार कैंसर रोगियों की संख्या वर्ष 2022 में 14.61 लाख से बढ़कर साल 2025 तक 15.7 लाख करोड़ होने का अनुमान है। विगत पांच वर्षों से कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसी तरह इस्केमिक हृदय रोगों का भार भी 1990 में 3.7 से बढ़कर 2016 में 8.7 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
राज्यसभा में सरकार की ओर से पेश साल 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक 2,10,958 कैंसर रोगी पश्चिम बंगाल व 1,21,717 महाराष्ट्र में सामने आए। सरकार ने कैंसर रोगियों के बेहतर इलाज के लिए विशिष्ट कैंसर परिचर्या केंद्र सुविधा योजना के तहत 19 राज्य कैंसर संस्थान व 20 विशिष्ट कैंसर परिचर्या केंद्र मंजूर किए हैं। इनमें से 10 संस्थानों का वित्त पोषण पूरा हो चुका है। हरियाणा के झज्जर व पश्चिम बंगाल के कोलकाता में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान स्थापित करने के साथ पीएम स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सभी नए एम्स व तेरह सरकारी मेडिकल कॉलेज व संस्थान कैंसर के इलाज पर अभिकेंद्रीत हैं।
पांच साल में यूं बढ़े कैंसर रोगी
साल | रोगियों की संख्या |
2018 | 13,25,232 |
2019 | 13,58,415 |
2020 | 13,92,179 |
2021 | 14,26,447 |
2022 | 14,61,427 |