• वाइस चांसलर पद के लिए टीचिंग एक्‍सपीरिएंस की जरूरत नहीं

दैनिक उजाला, एजुकेशन डेस्क : अब हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूटस में असिस्‍टेंट प्रोफेसर बनने के लिए UGC NET एग्‍जाम क्लियर करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट यानी HEIs में फैकल्‍टी रिक्रूटमेंट और प्रमोशन के लिए ड्राफ्ट UGC गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके अनुसार, असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए सब्‍जेक्‍ट में NET क्‍वालिफाइड होना जरूरी नहीं होगा।

ड्राफ्ट गाइडलाइंस UGC की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी की गई हैं। इन गाइडलाइंस पर इंडस्‍ट्री एक्‍सपर्ट्स और स्‍टेकहोल्‍डर्स से फीडबैक और सुझाव लेने के बाद इन्‍हें लागू कर दिया जाएगा। UGC 5 फरवरी के बाद गाइडलाइंस लागू कर सकती है।

अभी लागू UGC गाइडलाइंस 2018 के अनुसार, असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए कैंडिडेट का उसी सब्‍जेक्‍ट से NET क्‍वालिफाई होना जरूरी था, जिस सब्‍जेक्‍ट से पोस्ट ग्रेजुएट (PG) किया हो। नई गाइडलाइंस में कैंडिडेट्स को PG से इतर सब्‍जेक्‍ट्स से NET करने की आजादी है। साथ ही बगैर NET किए, सीधे Ph.D किए हुए कैंडिडेट्स भी असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अप्‍लाई कर सकेंगे।

VC पद के लिए टीचिंग एक्‍सपीरिएंस की जरूरत खत्‍म

ड्राफ्ट गाइडलाइंस के अनुसार, अब किसी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में वाइस चांसलर बनने के लिए कैंडिडेट के पास 10 वर्ष का टीचिंग एक्‍सपीरियंस होना जरूरी नहीं होगा।

अपने फील्‍ड के ऐसे एक्‍सपर्ट, जो सीनियर लेवल पर काम करने का 10 साल का एक्‍सपीरियंस रखते हों और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्‍छा हो, वे वाइस चांसलर (VC) बन सकते हैं। VC की नियुक्ति के लिए यूनिवर्सिटी चांसलर एक कमेटी का गठन करेंगे, जो अंतिम फैसला लेगी।

श‍िक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान (मध्‍य) ने 6 जनवरी को UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार (बांए) के साथ ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी कीं। मौके पर मिनिस्‍ट्री ऑफ एजुकेशन के एडिशनल सेक्रेटरी सुनील कुमार (दांए) भी मौजूद रहे।

श‍िक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान (मध्‍य) ने 6 जनवरी को UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार (बांए) के साथ ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी कीं। मौके पर मिनिस्‍ट्री ऑफ एजुकेशन के एडिशनल सेक्रेटरी सुनील कुमार (दांए) भी मौजूद रहे।

फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना मकसद – UGC चेयरमैन

UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार का कहना है कि नए नियम मल्‍टी-सब्‍जेक्‍ट बैकग्राउंड से फैकल्‍टी चुनने में मदद करेंगे। इन नियमों का उद्देश्य उच्च शिक्षा में फ्रीडम और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना है।

पिछले साल पुणे के इंस्टीट्यूट के VC हटाए गए थे

बता दें कि साल 2024 में पुणे स्थित गोखले इंस्‍टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्‍स एंड इकोनॉमिक्‍स (GIPE) के वाइस चांसलर अजीत रानाडे को पद से हटाया गया था। उनके पास पद के लिए जरूरी 10 साल का टीचिंग और एकेडमिक रिसर्च एक्‍सपीरियंस नहीं था, जिसके चलते उन्‍हें पद से हटा दिया गया।

डॉ अजीत रानाडे आदित्‍य बिरला ग्रुप के प्रेसिडेंट और ग्रुप चीफ इकोनॉमिस्‍ट हैं।

डॉ अजीत रानाडे आदित्‍य बिरला ग्रुप के प्रेसिडेंट और ग्रुप चीफ इकोनॉमिस्‍ट हैं।

हालांकि बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने उनके फील्‍ड एक्‍सपीरियंस को देखते हुए, उन्हें वापिस इंस्टीट्यूट का वाइस चांसलर बनाने का फैसला सुनाया। बाद में नवंबर 2024 में उन्‍होंने पद से इस्‍तीफा दे दिया।

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