रायपुर : प्रदेश के सीबीएसई स्कूलों में कक्षा 9वीं-10वीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की पढ़ाई कराई जाएगी। इससे छात्रों को हाईटेक शिक्षा मिलेगी। न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के तहत क्लास 9 वीं और 10वीं के छात्रों के सिलेबस में एआई को शामिल किया गया है। सीबीएसई ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है।

एआई मशीन की तरह सोचने, सीखने और सामान्य रूप से इंसान की तरह काम करने वाली मशीन है। सीबीएसई छात्रों को पढ़ाने के लिए एआई का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसमें कोडिंग जैसे विषय भी जल्दी पढ़ाए जा रहे हैं। इनके साथ ही डेटा साइंस की जानकारी भी छात्रों को दी जाएगी।

बोर्ड ने 33 विषयों की लिस्ट तैयार की है। जिसमें एआई, फाइनेंशियल लिटरेसी, कोडिंग, डेटा साइंस, संवर्धित वास्तविकता, कश्मीरी कढ़ाई, सेटेलाइट्स एप्लीकेशन, ह्यूमैनिटी और कोविड-19 जैसे अन्य विषयों को शामिल किया है।

कक्षा 9वीं-10वीं के छात्रों को एआई की शिक्षा दी जाए। इसके लिए बोर्ड से नोटिफिकेशन आया है। बोर्ड के निर्देश पर पूर्व में ही कक्षा 6वीं और 8वीं के छात्रों को कोडिंग की शिक्षा दी जा रही है। अब 9वीं और 10वीं के छात्रों को एआई की शिक्षा दी जाएगी।

  • राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

प्रदेश के एक या दो केंद्रीय विद्यालयों को छोड़ दे, तो अधिकांश सभी विद्यालयों में छात्रों को एआई की शिक्षा दी जा रही है। इसके लिए लैब और एक्सपर्ट शिक्षक की नियुक्ति की गई है।

  • विनोद कुमार, उपायुक्त, केंद्रीय विद्यालय संगठन

छात्रों को मिलेगा यह लाभ

  • छात्रों को कम समय में मशीन लर्निंग के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • छात्र इसके उपयोग से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सीखे बिना भी अच्छी कोडिंग लिख सकते हैं।
  • छात्र बेहतरीन वीडियो सामग्री बना सकते हैं और एक अच्छे यूट्यूबर बन सकते हैं।
  • छात्र कंटेंट राइटर और न्यूज राइटर बनने के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त कर सकते हैं।
  • छात्रों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए मार्केटिंग करने का तरीका सिखाएगा।
  • छात्र आर्टिफिशियल इमेज डिजाइन की नवीनतम तकनीकों को सीख सकते हैं।

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