चित्रकूट : उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जल प्रपात पर बनकर लगभग तैयार हो गया है। कोदंड वन स्थित इस प्रपात पर भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का ब्रिज बनाया गया है। इस ब्रिज का काम लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो गया है, बाकी काम तेजी से चल रहा है।

लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद इस पुल का उद्घाटन किए जाने की उम्मीद है। रानीपुर टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत ही तुलसी जलप्रपात में यूपी का पहला ग्लास ब्रिज बनाया जा रहा है।

वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से कराए जा रहे इस ग्लास ब्रिज की कुल लागत 3.7 करोड़ रुपये है। पुल का आकार धनुष- बाण की तरह है। यह पुल करीब डेढ़ साल में बनकर तैयार हुआ है। खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है, जबकि दोनों पिलर के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम रखी गई है।

बिहार के राजगीर में बने स्काई वॉक ग्लास ब्रिज की तर्ज पर हो रहा है निर्माण

पुल का निर्माण बिहार के राजगीर में बने स्काई वॉक ग्लास ब्रिज की तर्ज पर किया गया है। पर्यटक अब आसमान से जल प्रपात की सुंदरता को निहारेंगे। शीशे के पुल पर सैलानी खुद को हवा में तैरते हुए महसूस करेंगे। जब लोग स्काई वॉक पर चलेंगे तो उनके कदमों के नीच चट्टानों पर पानी गिरने और जंगल का प्राकृतिक नजारा मन मोह लेगा। यह ग्लास ब्रिज मध्य प्रदेश के सतना जिले के बॉर्डर पर स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व के बीच टिकरिया, बम्भिया जंगल पर स्थित है।

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