नई दिल्ली : सत्ताधारी बीजेपी (BJP) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 195 सीटों पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा की। वहीं, देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस में जारी आपसी खींचातान खत्म होने का नाम नहीं ले रही। हिमाचल में कांग्रेस सरकार रहेगी या गिरेगी इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। लेकिन भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी लगातार युवाओं से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। बेतहाशा बेरोजगारी और पेपर लीक को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए ग्वालियर में रविवार को कहा कि भारत में युवाओं की बेरोजगारी दर पाकिस्तान, बांग्लादेश और भूटान से भी ज्यादा है।

इसी बीच द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस बेरोजगारी और पेपर लीक को ही भाजपा के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनाने वाली है। अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस कुछ ऐसे बड़े वादे करने वाली है जो अब तक नहीं किए गए। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी जर्मनी देश के मॉडल को अपने घोषणापत्र में ऐलान कर सकती है।

राहुल गांधी ने लगातार मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है। पेपर लीक के मुद्दे पर उन्होंने सरकार को जमकर घेरा है। दस वर्ष सत्ता से दूर रहने के बाद अब कांग्रेस जर्मनी के ड्यूल एजुकेशन मॉडल को ध्यान में रखकर भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार करने का प्रस्ताव ला रही है।

इस मॉडल में वोकेशनल शिक्षा को महत्व दिया जाता है जो युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ कंपनी में काम करने का मौका भी प्रदान करता है। कांग्रेस के नेता मानते हैं कि यह एक अच्छा प्रस्ताव है जो युवाओं को रोजगार के माध्यम से सशक्त कर सकता है, हालांकि यह लागू करना आसान नहीं होगा क्योंकि इसे प्राइवेट और सरकारी सेक्टर के साथ मिलकर लागू करने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी की घोषणापत्र कमेटी जल्द ही अपना काम पूरा करने वाली है। पार्टी के थिंकटैंक का मानना है कि यह मॉडल देश के युवाओं का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। राहुल गांधी जिस तेवर में युवाओं से जुड़ी समस्याओं पर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं उसे देखते हुए संभव है कि घोषणापत्र में ही अप्रेंटिसशिप पीरियड और उसके साथ मिलने वाले स्टाइपेंड के बारे में भी ऐलान किया जाए।

ऐसे में कांग्रेस की सरकार अगर आती है और मेनिफेस्टो लागू किया जाता है तो इस मॉडल के तहत युवा आसानी से नौकरी शुरू कर सकते हैं। यह जॉब के अधिकार की तरह का मॉडल है जिसमें कोई भी अभ्यर्थी एक साल के लिए हक से नौकरी मांग सकता है।

पेपर लीक के मुद्दे को भी नहीं छोड़ना चाहती कांग्रेस

पी चिदंबरम की अध्यक्षता में काम कर रही कमेटी पेपर लीक के मुद्दे को भी नहीं छोड़ना चाहती। इस मामले से युवा सबसे ज्यादा परेशान हैं। लगभग हर राज्य में पेपर लीक पर एक जैसी स्थिति है। युवा कई साल तैयारी करने के बाद पेपर देते हैं लेकिन एग्जाम के दौरान ही या एग्जाम खत्म होने के कुछ देर बाद खबर आ है कि पेपर लीक है। जब इस मुद्दे पर हंगामा होता है तो सरकार किसी कांस्टेबल या छोटे अधिकारी को सस्पेंड कर देती है। इस प्रकार के एक्शन से लगता है कि बस खानापूर्ति की जा रही है।

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