• महज 38 दिन…4 हेलीकॉप्टर क्रैश और 13 मौतें, उत्तराखंड में बार-बार हो रही दुर्घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं, वर्ष 2013 के बाद यह दूसरा मौका है जब उत्तराखंड में हेलीक्रैश में इतनी मौतें हुई हैं

देहरादून : उत्तराखंड एक बार फिर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की मार झेल रहा है। 8 मई से 15 जून के बीच घटित इन हादसों ने न केवल श्रद्धालुओं में दहशत फैला दी है, बल्कि सिस्टम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

8 मई को उत्तरकाशी में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में छह लोगों की मौत के साथ जो सिलसिला शुरू हुआ, वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके बाद 13 मई को ऊखीमठ में इमरजेंसी लैंडिंग, 17 मई को केदारनाथ में क्रैश लैंडिंग और 7 जून को हाईवे पर एक और क्रैश लैंडिंग की घटनाएं हुईं। अब रविवार सुबह एक बार फिर हेलीकॉप्टर क्रैश ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

15 जून का हेली क्रैश: नियम तोड़ने की भारी कीमत

रविवार सुबह 5:30 बजे गौरीखर्क, केदारनाथ में आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट कैप्टन राजबीर सिंह चौहान सहित 7 श्रद्धालु यात्री मारे गए। मृतकों में जयपुर, बिजनौर, महाराष्ट्र और रुद्रप्रयाग के लोग शामिल हैं।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीजीसीए और यूसीएडीए द्वारा तय उड़ान स्लॉट सुबह 6:00 से 7:00 बजे के बीच का था, लेकिन यह हेलीकॉप्टर उससे पहले ही उड़ा दिया गया। यही नहीं, खराब मौसम, घना कोहरा और बादल छाए होने के बावजूद उड़ान को अनुमति दी गई। राजस्व उपनिरीक्षक की तहरीर में साफ तौर पर कहा गया कि SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन नहीं किया गया। न मौसम की जांच हुई, न पूर्व अनुमति ली गई।

जिम्मेदार कौन?

प्रशासनिक जांच में आर्यन एविएशन के मैनेजर विकास तोमर और अकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक को दोषी माना गया है। दोनों पर SOP की अवहेलना का आरोप है। पुलिस ने इन पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105 और वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

केदारनाथ और आसपास की प्रमुख घटनाएं

  • 25 जून 2013 – एमआई-17 सेना हेलीकॉप्टर क्रैश, 20 जवान शहीद
  • 24 जुलाई 2013 – निजी हेलीकॉप्टर जंगलचट्टी में क्रैश, पायलट और तकनीशियन की मौत
  • 18 अक्तूबर 2022 – गरुड़चट्टी के पास हेलीकॉप्टर गिरा, सात मौतें
  • 08 मई 2025 – उत्तरकाशी में हादसा, छह लोगों की जान गई
  • 15 जून 2025 – गौरीखर्क, केदारनाथ में सात मौतें
  • ये घटनाएं दर्शाती हैं कि पर्वतीय क्षेत्र में हेलीकॉप्टर संचालन आज भी अत्यंत जोखिम भरा बना हुआ है।

मुख्यमंत्री धामी का एक्शन मोड

दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें नागरिक उड्डयन विभाग, डीजीसीए, यूसीएडीए और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। आईएनएस न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा के तहत सभी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, ट्रांसभारत एविएशन के दो पायलटों के लाइसेंस को छह महीने के लिए निलंबित किया गया है। साथ ही, केदारनाथ क्षेत्र में 15 और 16 जून को सभी चार्टर व शटल हेलीकॉप्टर उड़ानों को एहतियातन स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल रूम की स्थापना करने को कहा गया है।

हेलीकॉप्टर उड़ानें रहेंगी बंद, SOP पर दोबारा नजर

सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक SOP और सुरक्षा मानकों की पूर्ण समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक हेलीकॉप्टर सेवाओं को बहाल नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘फिलहाल हेली सेवाएं सोमवार तक बंद कर दी गई हैं। आगे की व्यवस्था पर सोमवार को विचार होगा। प्रत्येक यात्री की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हेली सेवाएं तभी बहाल होंगी जब हमें पूरी तरह से भरोसा हो कि अब जोखिम नहीं है।’

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