दैनिक उजाला डेस्क, मथुरा : मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी पर 16 दिसम्बर को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट पर सूर्यदेव के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनु खरमास (मलमास) शुरू हो जाएगा। इसमें विवाह, उपनयन, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। धनु खरमास पौष शुक्ल तृतीया पर 14 जनवरी को मध्यरात्रि 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसके बाद 15 जनवरी से फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे और 16 जनवरी को पहला आठ रेखीय सावा रहेगा। इसके साथ ही शहनाइयां फिर से बजेगी।

मार्च तक सिर्फ 23 दिन विवाह मुहूर्त

15 जनवरी से फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे। जनवरी में 7 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे। वहीं फरवरी में 9 दिन शादी—ब्याह होंगे। मार्च में 7 दिन विवाह मुहूर्त है। इसके बाद 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इसके साथ ही मीन मलमास शुरू होगा। जो 13 अप्रेल को रात 9 बजकर 3 मिनट तक रहेगा, इसके बाद सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही मीन मलमास समाप्त होगा।

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में धनु को बृहस्पति की राशि माना गया है। सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, तो इसे शुभ नहीं माना जाता। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने पर गुरु ग्रह और सूर्य दोनों क्षीण हो जाते हैं। मांगलिक कार्य बृहस्पति की राशि में आते हैं, इससे गुरु ग्रह का बल कमजोर हो जाता है। इसलिए खरमास के दौरान कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इसमें मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधु प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य शुभ नहीं है।

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