नई दिल्ली : विवादों में घिरी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर (Trainee IAS Pooja Khedkar) के दिव्यांगता कोटे से यूपीएससी में जगह बनाने की खबरों के बीच, संघ लोक सेवा आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। यूपीएससी अपनी परीक्षा प्रणाली में बदलाव करने जा रहा है। परीक्षा में हो रही धांधली को और धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें आधार फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण, उम्मीदवारों के चेहरों की पहचान और लाइव एआई आधारित सीसीटीवी की निगरानी आदि शामिल है।

मिली जानकारी के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के दौरान टेक्नोलॉजी सेवाओं के लिए पीएसयू से संपर्क में है। नोटिस के मुताबिक, जिन चीजों का जिक्र किया गया है, उनमें आधार आधारित फिंगर प्रामीणकरण, ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोर्ड स्कैनिंग और लाइव एआई आधारित सीसीटीवी स्क्रीनिंग शामिल है।

यूपीएससी की नोटिस में कहा गया है कि “मुख्य परीक्षा/साक्षात्कार/सत्यापन प्रक्रिया के समय सर्विस प्रोवाइडर को परीक्षा के प्रारंभिक चरणों के दौरान प्राप्त किए गए डाटा से उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करनी होगी।” साथ ही इस नोटिस मे कहा गया है कि प्रत्येक परीक्षा हॉल में उम्मीदवार और अन्य व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी तैनात किए जाएंगे।

इस नोटिस के तहत परीक्षा कार्यक्रम, परीक्षा स्थलों की विस्तृत सूची और प्रत्येक स्थल के लिए उम्मीदवार की संख्या तकनीक द्वारा परीक्षा से दो तीन सप्ताह पहले तैयार कर लिया जाएगा। फिंगरप्रिंट और चेहरी की पहचान के लिए परीक्षा से सात दिन पहले उम्मीदवार का विवरण (नाम, रोल नंबर, फोटो आदि) भी प्रदान करेगा।

नीट, CUET कई परीक्षाओं पर उठे सवाल

गौरतलब है कि यूपीएससी का ये निर्णय ऐसे समय में आया है जब नीट यूजी, सीयूईटी यूजी समेत कई परीक्षा विवादों के घेरे में है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी री-एग्जाम पर फैसला सुना दिया है। लेकिन लाखों लोगों के मन में अभी भी कई सवाल हैं। वहीं दूसरी ओर तथाकथित फर्जी दस्तावेज लगाकर दिव्यांग कोटे से यूपीएससी में एंट्री लेने वाली ट्रेनी आईएएस (Trainee IAS) पूजा खेडकर यूपीएससी जांच का सामना कर रही हैं।

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