नई दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को ‘किसान गर्जना’ रैली में 7 राज्यों से करीब 55 हजार किसान अपनी मांग के लिए पहुंचे। इस किसान गर्जना रैली के आयोजक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संगठन भारतीय किसान संघ है। रैली में भारतीय किसान संघ के नेताओं ने एक नोट जारी कर कहा, अगर सरकार ने समय पर किसानों की मांग नहीं मानी तो उसे परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

प्रदर्शन में मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और गुजरात किसान शामिल हुए हैं। ‘किसान गर्जना’ रैली में किसानों की मांग है कि, फसल का दाम लागत के आधार पर तय किया जाए। किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढ़ोतरी के साथ ही किसान कृषि से जुड़े सभी सामानों पर जीएसटी तुरंत खत्म करें। वैसे किसानों का एकमत है कि, अपनी फसल का मूल्य तय करने का किसान को हक होना चाहिए। यह रैली सुबह 11 बजे से लेकर शाम छह बजे तक रहेगी।

उचित लाभ न मिलने पर आत्महत्या कर रहे किसान
रैली में बीकेएस की कार्यकारी समिति के सदस्य नाना आखरे ने कहा है कि, जो किसान देश को अनाज, सब्जियां, फल, दूध आदि प्रदान करते हैं, आज अपनी कृषि उपज पर उचित लाभ नहीं मिलने की वजह से बहुत निराश हैं और इस वजह से आत्महत्या कर रहे हैं।

4 माह से चल रही थी तैयारी – राघवेंद्र पटेल
बीकेएस के अखिल भारतीय अभियान प्रमुख राघवेंद्र पटेल ने बताया, पिछले 4 माह में लगभग 20,000 किमी पैदल मार्च, 13,000 किमी साइकिल रैली और 18,000 सड़क सभाएं हुईं। BKS ने देशभर में सभाएं आयोजित की। इसके बाद यह किसान गर्जना रैली सोमवार 19 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित की गई है।

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