• जीएलए इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेषन इंजी. के विद्यार्थियों ने चंडीगढ़ में देखी सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी

दैनिक उजाला, मथुरा : हर क्षेत्र को सेमीकंडक्टर की आवश्यकता होती है और यही कारण है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करना महत्वपूर्ण है। सेमीकंडक्टर की आवष्यकताओं के मद्देनजर रखते हुए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी का भ्रमण किया। इस भ्रमण से माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में एक मजबूत अनुसंधान एवं विकास आधार बनाने में मदद मिलेगी।

वीएलएसआई ग्रुप के डिवीजन हैड उदय पी कमबेते तथा एचआर मैनेजर कुलभूषण ने जीएलए के विद्यार्थियों को कुछ ऐसे उत्पादों की झलक दिखाई जिन पर संगठन ने वर्षों से काम किया है। बाद में विद्यार्थियों ने निर्माण सुविधा का दौरा किया जो एक अलग इमारत में थी, जहां विद्यार्थियों ने उन साफ-सुथरे कमरों का अवलोकन किया जिनमें सेमीकंडक्टर वेफर्स का निर्माण किया जाता था। 6-इंच वेफर्स का उपयोग एमईएमएस-आधारित उत्पादों के लिए किया गया था, और निर्माण प्रवाह पूरी तरह से स्वचालित था। 8 इंच के वेफर्स आंशिक रूप से मैन्युअल रूप से निर्मित किए गए थे। ग्रे कमरों के बारे में सीखा, जहां साफ कमरों को बनाए रखने में शामिल मशीनरी संग्रहीत की गई थी और साफ कमरों के नीचे बने उप-फैब जो आवश्यक रसायनों को पंप करने के लिए जिम्मेदार थे।

विद्यार्थियों को समझाया गया कि मशीनरी लिथोग्राफी, ऑक्सीकरण, मास्किंग आदि प्रक्रियाओं को कैसे अंजाम देगी। फिर परीक्षण और पैकेजिंग सुविधा का दौरा किया, जहां सिरेमिक या प्लास्टिक का उपयोग करके आईसी को पैक करने के विभिन्न तरीकों के बारे में सीखा। एक निर्मित आईसी का परीक्षण करने के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न विधियों का भी अवलोकन किया, ताकि यह जांचा जा सके कि इसकी कार्यक्षमता आवश्यकता के अनुसार है या नहीं।

भ्रमण के पश्चात् सेमीकंडक्टर के डिवीजन हैड उदय ने विद्यार्थियों को बताया कि सेमीकंडक्ट उद्योग के विस्तार को भारत सरकार काफी प्रयासरत है। क्योंकि सेमीकंडक्टर से जुड़े उद्योगों को पहले से अधिक संजीवनी मिली है। इस तकनीकी युग में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र की रोजगार की भी अपार संभावनाएं देखने मिल रही हैं। विद्यार्थियों का यह औद्योगिक भ्रमण विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर शैलेश कृष्ण सारस्वत, धीरज कालरा एवं अंजन कुमार के दिशा निर्देशन में संपन्न हुआ। भ्रमण से लौटे विद्यार्थियों ने विभाग के पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।

विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनीष कुमार ने बताया कि जीएलए इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग ने सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी के साथ बीते वर्ष ही एमओयू साइन किया है। इस करार के बाद से विद्यार्थियों को चिप डिजाइनिंग के क्षेत्र में शिक्षा हासिल हो रही है।

विभागाध्यक्ष प्रो. विनय देवलिया ने कहा कि उद्योग जगत से विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए ऐसे भ्रमण कराना जरूरी है। इसके लिए जीएलए समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण से लेकर औद्योगिक भ्रमण कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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