• बीते दस सालों में इस बार जनवरी महीने में सबसे ज्यादा ठंड रिकॉर्ड की गई

ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश में पूरा जनवरी लोग शीतलहर और हाड़कंपाऊ ठंड से परेशान रहे। इसके बाद फरवरी आते ही न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं अधिकतम तापमान भी 25 डिग्री से ऊपर चला गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि साल 2024 की जनवरी में दिन का तापमान सामान्य से कम रहा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सर्दी ने पिछले दस सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यानी बीते दस सालों में 2024 की जनवरी सबसे ज्यादा ठंडी रही।

पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो राजधानी में यह 17.4 डिग्री दर्ज हुआ। जो सामान्य से 3.9 डिग्री कम है। वहीं जनवरी बीतते ही मौसम ने करवट ली और न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी के साथ अधिकतम तापमान भी औसत स्तर पर आ गया। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार फरवरी में अलनीनो से स्थितियां कमजोर पड़ सकती हैं। इसके चलते अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के आसार बन रहे हैं।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फरवरी आते ही उत्तर प्रदेश का मौसम बदला गया। हालांकि 31 जनवरी को पश्चिमी यूपी के बागपत, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और मुरादाबाद में झमाझम बारिश ने सर्दी को बढ़ा दिया। वहीं, मध्य यूपी और अवध के कई हिस्सों में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। गुरुवार को भी बारिश के बाद शुक्रवार को इसमें ब्रेक लगने की संभावना है, लेकिन शनिवार को फिर मौसम करवट ले सकता है। डॉ. अतुल के अनुसार, जनवरी में औसत रूप से बरेली में सबसे ठंडे दिन रहे। यहां अधिकतम तापमान का औसत 14.1 रहा। जो सामान्य के 19.5 डिग्री सेल्सियस की तुलना में 5.4 डिग्री कम रहा। बिजनौर दूसरे नंबर पर रहा, यहां औसत अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बीते दो दिनों से धूप और पुरवा हवाओं के कारण तापमान का चढ़ना जारी है। उन्होंने बताया कि एक से पांच फरवरी के बीच बहराइच के अलावा तराई क्षेत्र और पश्चिम यूपी के कई इलाकों में बिजली गिरने, बारिश और ओले गिरने का अलर्ट जारी किया है। उन्होंने बताया कि दो पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहे हैं। इनमें से एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर देशांतर 64 पूर्व और 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के साथ एक गर्त के रूप में देखा जा रहा है। यह बारिश और ओलावृष्टि का कारक माना जा रहा है।

वहीं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल लखनऊ के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अब्दुल सत्तार खां की मानें तो फरवरी महीने से ठंड हल्की होना शुरू हो जाती है। ऐसे में इस बार बारिश और ओले गिरने से फरवरी में भी ठंड का प्रकोप बने रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मौसम के उतार-चढ़ाव के दौरान कई बीमारियां भी बढ़ती हैं। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समय ठंड लगना जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में लोगों को अपने स्वास्‍थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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