- जीएलए के बायोटेक विभाग में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग करने पहुंचे इंटर स्कूल के छात्र
दैनिक उजाला संवाद, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का बायोटेक्नोलॉजी विभाग विज्ञान के क्षेत्र में आधुनिक शिक्षा के लिए जाना जाता है। रिसर्च के असीमित अवसर और छात्रों को रोजगारपरक बनाने के उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रहे बायोटेक विभाग ने इंटर स्कूल छात्रों के लिए ‘बायोटेक्नोलॉजी टेक्निक्स‘ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
‘बायोटेक्नोलॉजी टेक्निक्स‘ विषय पर आयोजित कार्यशाला में रमन लाल शोरावाला स्कूल के छात्रों ने प्रतिभाग किया। विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह एवं छात्रों के साथ आये शिक्षकों ने किया। प्रतिभागी छात्रों को विभाग की तरफ से वर्तमान एवं भविष्य में बायोटेक्नोलॉजी की बढ़ती हुई संभावनाओं के बारे में बताया। छात्रों ने मुख्यत पीसीआर तकनीक एवं गेल इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने बताया कि छात्रों को जानकारी देते हुए कहा कि जैव प्रौद्योगिकी मानव स्वास्थ्य और समाज को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नए उत्पादों, विधियों और जीवों को विकसित करने के लिए जीव विज्ञान का उपयोग है। जैव प्रौद्योगिकी, जिसे अक्सर बायोटेक के रूप में जाना जाता है, पौधों, जानवरों के पालतूकरण और नई खोज के साथ सभ्यता की शुरुआत से ही अस्तित्व में है।
प्रो. शूरवीर ने बायोटेक्नोलॉजी के नए कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया और बताया कि यह क्षेत्र उभरता हुआ आधुनिक विषय है, जिसमें रोजगार एवं छात्रों की तरक्की की असीम संभावनाएं हैं। आने वाले समय विज्ञान की बढ़ती मांग को देखते हुए कार्यक्रम में बच्चों ने विशेष रूचि दिखाई और भविष्य में ऐसी कार्यशालाओं में प्रतिभाग करने के लिए छात्रों को जागरूक किया।
विभागीय प्रोफेसर डा. आलोक भारद्वाज ने बताया कि कृषि क्षेत्र में, बायोटेक्नोलॉजी भोजन की गुणवत्ता और मात्रा को बेहतर बनाने में मदद करती है। जैव-उर्वरकों में जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं जो बुनियादी पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाकर विकास को बढ़ावा देते हैं। बायोटेक फसलें (आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें) किसानों को उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत कम करने की अनुमति देती हैं।
इसके बाद रमन लाल स्कूल के छात्रों ने कैंपस का भ्रमण किया। छात्रों ने ऐसी कई लैब्स देखीं जहां विद्यार्थी नई-नई खोज कर नई तकनीक को जन्म देते हैं। इसके अलावा छात्रों ने विश्वविद्यालय में स्थित विशाल खेल मैदान और यहां होने वाली खेलकूद की प्रतियोगिताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। स्मार्ट क्लासरूम भी छात्रों ने देखे।