• जम्मू के अखनूर में हाथरस से वैष्णो देवी के रास्ते शिव खोड़ी जा रही बस के साथ हुए हादसे के बाद भी नहीं जागा शासन और जिलों का प्रशासन
  • स्थिति ये है कि आये दिन उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से चंद लोग श्रद्धा भक्ति के नाम पर खचाखच बसों को बगैर परमिशन ले जाते हैं अन्य प्रदेशों के तीर्थ स्थल

दैनिक उजाला डेस्क : हाथरस से जम्मू वैष्णो देवी के रास्ते शिव खोड़ी जा रही बस के साथ विभत्स हादसे से हर कोई सहम गया है। हर किसी की आंख नम है। इससे कहीं अधिक दुख उन परिवारजनों को हुआ, जिन्होंने अपना बेटा, मां-बाप, बहन, भाई, बच्चा या कोई रिश्तेदार को खोया। बावजूद इसके अभी तक उत्तर प्रदेश शासन की नींद तक नहीं खुली है। यानि 22 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी शासन ने जिलाधिकारियों को कोई दिशा-निर्देश तक नहीं दिया है।

विदित रहे कि उत्तर प्रदेश लखनऊ, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, गोरखपुर, मुरादाबाद, बरेली आदि जिलों में कुछ चंद लोगों का श्रद्धा को लेकर ऐसा व्यापार चल रहा है, जो कि तीर्थ यात्रा के नाम पर स्थानीय अथवा अन्य जिलों के लोगों को एकत्रित कर 4 से 5 हजार प्रति व्यक्ति या उससे अधिक रूपयों में जम्मू-कश्मीर वैष्णो देवी, गंगासागर, हरिद्वार, उज्जैन, अयोध्या, काशी, खाटू श्याम, सालासार बालाजी, मेंहदीपुर बालाजी, कैला-करौली के रास्ते बसों को खचाखच भरकर तीर्थ यात्रा के लिए निकलते हैं।

तीर्थ स्थल के नाम से खचाखच भरकर ले जाने वाले ये चंद लोग न तो किसी जिला प्रशासन से परमिशन लेना उचित समझते हैं और न ही तहसील स्तर अथवा परिवहन विभाग से। यही लोग प्रशासन की नाक के नीचे सरकारी नियमों को धता बताकर श्रद्धा के नाम पर बसों को खचाखच भरकर अंधी कमाई में जुटे हैं। आगे चलकर कोई हादसा हो जाये, कोई श्रद्धालु गुम हो जाये या कोई कोई श्रद्धालु किसी का शिकार हो जाये इस बात से इन चंद लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

तीर्थ यात्रा के नाम पर प्रदेश के अधिकतर जिलों में बैठै ये लोग प्रशासन को मुंह चिढ़ाकर बसों को जिला मुख्यालय की ओर से निकालते हैं। बावजूद इसके इन पर कोई कार्यवाही तक नहीं होती। यही कारण रहा है कि हाथरस प्रशासन की नाक के नीचे खचाखच बस भरकर जम्मू के रास्ते पहुंची और हादसे का शिकार हो गई। इस पर तीर्थ स्थल के लिए श्रद्धालुओं को भरकर ले जाने की न तो कोई परमिशन थी और न ही किसी यात्री का कोई बीमा।

मथुरा बलदेव निवासी वरिष्ठ समाजसेवी ज्ञानेन्द्र पांडेय कहते हैं कि हाथरस से जम्मू वैष्णोदेवी के रास्ते गई बस में महावन तहसील के गांव नगला लोका और दौलतपुर के लोग हताहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकारें भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष बसें और ट्रेन को तीर्थ स्थल के लिए रवाना करती हैं। अधिकतर श्रद्धालु सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ लें तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है। हालांकि प्रशासन को भी ध्यान देने की जरूरत है कि उनके जिले से ऐसी खचाखच बस भरकर तीर्थ स्थलों के लिए रवाना न हों।

ऐसे ही हालात मथुरा और आगरा जिले के

मथुरा शहर अथवा बलदेव से भी श्रद्धा के ठेकेदार इन कारनामों में माहिर हैं। ये लोग बिना प्रशासन की परमिशन के बसों को बुक करकर और खचाखच भरकर तीर्थ स्थलों की ओर निकलते हैं। ऐसे हालात आगरा के हैं यहां भी श्रद्धा के ठेकेदार यही कारनामों को करते हैं।

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