नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से धारा 35ए के प्रावधानों को भी खत्म कर दिया गया। धारा 35ए ही राज्य में बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए रोकती थी। इसी दौरान लदाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। सरकार ने यहां जमीन खरीदने का ब्यौरा संसद में दिया है।
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2020, 2021 और 2022 में 185 बाहरी लोगों ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदी है। गृह राज्यमंत्री ने बताया कि केंद्र शासित लद्दाख द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीते तीन सालों में लद्दाख में किसी भी बाहरी व्यक्ति ने जमीन नहीं खरीदी है।
लद्दाख 31 अक्टूबर, 2019 को भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया. इससे पहले, लद्दाख भारत के उत्तरी राज्य जम्मू और कश्मीर का हिस्सा था। फिर साल 2020 में केंद्र सरकार ने नियम बदल दिया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोई भी जमीन खरीद सकता है। केंद्र सरकार ने कहा था कि ये आदेश केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और कश्मीर पुनर्गठन का तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा।
1559 कंपनियों ने किया जम्मू कश्मीर में निवेश
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने सदन को ये भी बताया कि जम्मू कश्मीर में बीते तीन सालों में 1559 भारतीय कंपनियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने निवेश किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने ‘क्राइम इन इंडिया’ नामक अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आईपीसी और स्पेशल एंड लोकल लॉ के अनुसार, नाबालिगों के खिलाफ दर्ज मामलों में कमी आ रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने बताया कि साल 2019 में नाबालिगों के खिलाफ 32,269 मामले दर्ज हुए। वहीं 2020 में 29,768 और 2021 में 31,170 मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि डाटा से पता चलता है कि 2019 के मुकाबले इनमें कमी आई है।