सागर : बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के अंतिम दिन रविवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े, ऐसे में कथा पांडाल भी छोटा पड़ गया, देशभर से आए श्रद्धालुओं को कथा सुनने के लिए पांडाल से बाहर ही बैठकर और खड़े होकर कथा सुननी पड़ी, कथा के दौरान पंडित शास्त्री ने विभिन्न मुद्दों पर भी अपनी बात प्रमुखता से रखी।

देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद बहेरिया में आयोजित कथा में बागेश्वरधाम के पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम सदैव वही बोलतें हैं जो शास्त्र सम्मत है, लेकिन बोलने में बुंदेली का प्रभाव तो रहता है। वह मति और भाव हमारे रहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि टीवी पर बने रहने के लिए मैं कुछ शब्दों को बोलता हूं। तो हम दो कौड़ी की टीवी में बने रहने के लिए नहीं बोलते। इस भारत में महावीर को भी लोग पत्थर मारते थे। उन्होंने कहा कि हम भी किसी अंजाम की चिंता नहीं करते वहीं कहेंगे जो शास्त्रों में लिखा है। एक बात तय है जब तक भारत से जातिवाद शून्य नहीं होगा तब तक यह देश हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता। जब शास्त्रों की बात हम ही नहीं कहेंगे तो कौन करेगा। इसलिए सहने की आदत डालो और सत्य पर अड़े रहो।

माता- पिता का नाम रोशन करने मोबाइल से रहो दूर

पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि इस संसार में पूरा खेल आंखों का ही है। मोबाइल में चलचित्र देखोगे तो वासना में पड़ोगे और उसी मोबाइल में कथा सुनोगे तो आस्था बढ़ेगी। आजकल के बच्चे मोबाइल में ठुमका लगाना देख रहे हैं। पूरी रात बेटा-बेटी रील देख रहे हैं। देखना है तो मोबाइल में कथा देखो।

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