बीकानेर : आपने भले ही लोन नहीं लिया हो, लेकिन आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है। यह सिबिल स्कोर खराब कर रहे हैं बैंक। भुगतना पड़ रहा है आमजन को। ऐसा ही एक मामला स्थाई लोक अदालत (जनोपयोगी सेवा) बीकानेर में आया है। सिटी कोतवाली क्षेत्र निवासी मंजू देवी पत्नी महेश कुमार सोनी ने न्यायालय में परिवाद दिया। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष महेश कुमार शर्मा, सदस्य रामकिशन शर्मा व प्रियंका पुरोहित ने परिवादी को राहत देते हुए सिबिल कंपनी को फटकार लगाई है। सिबिल कंपनी को परिवादी का सिबिल स्कोर सुधारने व मानसिक संताप के रूप में हर्जाना देने के आदेश दिए हैं।

प्रकरण के अनुसार, परिवादी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया श्रीगंगानगर की शाखा से सर्वप्रथम वर्ष 2021 में ऋण के लिए आवेदन किया। बैंक की ओर से उनका सिबिल चेक करने के लिए सॉफ्टवेयर में प्रॉसेस किया, तो सिबिल स्कोर नेगेटिव आया। इसमें परिवादी बैंक व वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर डिफॉल्टर की श्रेणी में थी। इसलिए बैंक प्रबंधन ने ऋण देने से इनकार कर दिया।

परिवादिया ने ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड मुंबई एवं ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड हेडक्वार्टर, मुंबई महाराष्ट्र को कई बार मेल व पत्र व्यवहार कर निवेदन किया कि उसने कोई लोन नहीं लिया है और न ही क्रेडिट कार्ड लिए हैं। परिवादिया के सिबिल रिकॉर्ड में चार क्रेडिट कार्ड, सात पर्सनल लोन, चार ऑटो लोन, चार होम लोन एवं अन्य जो लोन दर्शाए गए हैं। माना जा रहा है कि वह किसी तकनीकी गड़बड़ की वजह से हैं।

परिवादिया ने परेशान होकर गलत सिबिल रिकॉर्ड, नेगेटिव प्रोफाइल दिखाने के कारण मानसिक संताप के दस लाख रुपए एवं परिवाद व्यय के 30 हजार रुपए व सिबिल रिकॉर्ड दुरुस्त करने का प्रार्थना की। न्यायालय की ओर से आरोपितों को नौ जुलाई, 2022 को नोटिस जारी किया गया। अदालत में पेश नहीं होने पर 14 फरवरी को स्थाई लोक अदालत की ओर से पत्रावली सहित नौ मार्च, 23 को उपिस्थत होने को कहा गया।

जारी करें एनओसी व पांच लाख रुपए
स्थाई लोक अदालत ने परिवादिया का सिबिल स्कोर सुधार कर एनओसी जारी करने के आदेश दिए। साथ ही कहा कि परिवादी मानसिक संताप के पांच लाख रुपए एवं 5000 रुपए क्षतिपूर्ति के आरोपियों से प्राप्त करने की अधिकारी होगी। उक्त राशि का भुगतान एक माह के भीतर नहीं किया गया, तो इस राशि पर छह प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।

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