दैनिक उजाला, सीकर : नगर परिषद की लापरवाही ने फिर एक बुर्जुग की जान ले ली। गुरुवार दोपहर को मंदिर जा रही 85 साल की वृद्धा को सांड ने टक्कर मार दी। इससे वृद्धा राजा देवी की इलाज के दौरान एसके हाॅस्पिटल में मौत हो गई है। परिजन हॉस्पिटल के बाहर एकत्रित हो गए। सांड के मारने से यह सीकर शहर में पहली मौत नहीं है। इससे पहले भी तीन जनों की मौत हो चुकी है। शहरवासियों का कहना है कि यह मौत नहीं बल्कि हत्या है। हादसे की जानकारी मिलने पर मृतका के बेटों, पोतों सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुला हाल हो रहा है। बेटों का कहना है कि हमने कभी यह नहीं सोचा था कि प्रशासन की लापरवाही हमारी मां को हमसे छीन लेगी। परिजनों ने राजा देवी के शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और शव अपने साथ ले गए। परिवार के साथ ही वार्ड व शहरवासी आक्रोशित हैं।

शाम को सवा छह बजे शव को मोर्चरी में भेज दिया गया। हालांकि परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और वृद्धा का शव घर ले गए। शहर के वार्ड नम्बर एक की मोहन कॉलोनी निवासी बुजुर्ग महिला राजा देवी 85 वर्ष पत्नी मोहन लाल सैनी गुरुवार सुबह बीड़ वाले बालाजी मंदिर जा रही थीं। मंदिर जाते समय गली में सुबह करीब 11.45 बजे सांड ने वृद्धा राजा देवी पर जानलेवा हमला कर लहूलुहान कर दिया। परिवार के सदस्य राजा देवी को तुरंत एसके हॉस्पिटल लेकर आए। हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दोपहर 04:45 पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

वार्ड पार्षद दयाशंकर सैनी ने कहा कि वार्ड नम्बर एक में नगर परिषद की ओर से बेसहारा पशु, सांड व कुत्तों को लाकर छोड़ रही है। पार्षद ने आरोप लगाया कि नगर परिषद नंदीशाला के नाम पर वार्ड से सटकर लगने वाले बीड़ व वार्ड में बेसहारा पशुओं व नंदियों को छोड़ रहे हैं और लाखों रुपए डकार रहे हैं। पूरे वार्डवासी भयग्रस्त रहते हैं और इस हादसे के बाद तो आमजन अपने बच्चों, परिवार के वृद्ध लोगों को घर से निकलने के लिए ही मना कर रहे हैं। घर से निकलने में भी मोहल्ले वासियों को जान का खतरा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद व जिला प्रशासन को बार-बार ऑनलाइन शिकायतें की हैं, आयुक्त और नगर परिषद को भी कई बार बेसहारा पशुओं व कुत्तों को लेकर चेताया था। प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं करने के चलते ही यह हादसा हुआ है।

मृत वृद्धा के छह बेटे व चार बेटियां, परिवार की हालत दयनीय

मृत राजादेवी के छह बेटे व चार बेटिया हैं। राजा देवी के करीब 85 से अधिक सदस्यों का भरा पूरा परिवार है। हालांकि छह बेटों में से तीन बेटे बीपीएल परिवार क श्रेणी में है। परिवार की आर्थिक हालत बहुत ज्यादा दयनीय हैं।

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