रायपुर : जब बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का मर्डर हुआ। हत्यारों ने पहले डिनर पर बुलाया। खाना खिलाकर जमकर पीटा। जब मुकेश अधमरा हो गया, तो उसका गला घोंटा, फिर धारदार हथियार से सिर पर मारा, जिससे ढाई इंच घाव हो गया।
दैनिक भास्कर को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 29-30 दिसंबर को घर पर ही मुकेश की हत्या की साजिश रची गई थी। दिनेश, रितेश और सुरेश चंद्राकर तीनों मुकेश के चचेरे भाई हैं। रितेश सबसे करीबी दोस्त था। मुकेश के साथ दोनों ने पढ़ाई की है। इनके बीच रिश्ता काफी गहरा था। दोनों कपड़े तक शेयर करते थे।
3 जनवरी को लाश मिलने के बाद पुलिस ने 4 जनवरी को मुकेश के 2 चचेरे भाई दिनेश, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया। वहीं मास्टरमाइंड ठेकेदार सुरेश चंद्राकर फरार है। वारदात के बाद सभी का अलग-अलग लोकेशन पर भागना पहले से तय था।
ठेकेदार सुरेश का काम देखता था भाई रितेश
रितेश का बड़ा भाई सुरेश चंद्राकर ठेकेदार है। सुरेश के कामों को रितेश भी देखा करता था। सुरेश और मुकेश की आपस में ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। सुरेश की शादी के बाद से दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे, लेकिन रितेश और मुकेश के बीच सब कुछ ठीक था। साथ में घूमना-फिरना करते थे।
मुकेश और रितेश के बीच काफी गहरा रिश्ता था, लेकिन फिर भी इसकी परवाह किए बगैर भाई ने भाई का मर्डर कर दिया।
भ्रष्टाचार की खबर बनाई, तो सुरेश खफा हो गया
बताया जा रहा है कि सप्ताहभर पहले मुकेश ने अपने रायपुर के एक साथी के साथ सड़क के भ्रष्टाचार की खबर बनाई। सुरेश उसी सड़क का ठेकेदार है। वह खबर चलते ही खफा हो गया था। सड़क की लागत 120 करोड़ रुपए थी।
सड़क की हालात खराब थी, लेकिन लीपापोती कर सुरेश को करोड़ों रुपए का मुनाफा हो रहा था। खबर लगने के बाद सरकार ने सड़क निर्माण में लापरवाही को लेक जांच कमेटी बना दी, जिससे सुरेश को गड़बड़ी का खुलासा और भारी भरकम मुकसान का डर था।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया।
मुकेश को मारने की बनी थी प्लानिंग
सुरेश को आभास हो गया था कि उसे अब मुनाफा की जगह नुकसान होगा। इसके बाद सुरेश ने मुकेश को मारने की साजिश रची। मुकेश और रितेश की बातें होती थी। इन दोनों के बीच रिश्ते अच्छे थे। इसलिए साजिश के तहत रितेश को मुकेश को घर बुलाने के लिए कहा गया था।
उन्हें पता था कि रितेश बुलाएगा तो मुकेश जरूर आएगा। पहले 31 तारीख को मुकेश को बुलाया गया था, लेकिन किसी काम में फंसे होने के कारण मुकेश उस दिन आने से मना कर दिया था।
ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, जो अभी फरार चल रहा है।
1 जनवरी को डिनर के लिए बुलाया
मुकेश जब 31 तारीख को नहीं आया तो उसे बार-बार फोन कर 1 जनवरी की शाम सुरेश के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बुलाया गया। मुकेश आने के लिए रेडी हो गया। वहीं, किसी को शक न हो इसलिए सुरेश और दिनेश दोनों भाई उस दिन जगदलपुर चले गए थे, जिसके बाद मुकेश को खाना खाने बैठाया गया।
पहले खूब पीटा, फिर मार डाला
इसी बीच मौका पाकर रितेश ने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश की पहले पिटाई की, फिर सिर पर लोहे के किसी धार हथियार से वार किया, जिससे मुकेश के माथे पर गहरा घाव हो गया। वारदात के बाद दोनों आरोपियों ने शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में डाल दिया।
इसके बाद ये दोनों रितेश और महेंद्र जगदलपुर के बोदली गांव में जाकर छिप गए थे। इन्होंने अपने भाई सुरेश और दिनेश को हत्या की जानकारी दी।
बस्तर ने आईजी ने बताया कि 2 चचेरे भाई और उनके साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है।