- तहसीलदार हैं कंचन चौहान, पिता शंकर सिंह रावत ब्यावर से MLA हैं
अजमेर : भारतीय जनता पार्टी के विधायक शंकर सिंह रावत (ब्यावर) की बेटी पर फर्जी सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी लेने का आरोप है। करेड़ा (भीलवाड़ा) तहसीलदार कंचन चौहान के खिलाफ अब निदेशालय विशेष योग्यजन ने जांच की सिफारिश की है।
सीएम पोर्टल पर मिली शिकायत के बाद 21 अगस्त को निदेशालय ने राजस्व बोर्ड (अजमेर) को जांच के लिए लेटर भेजा है। कंचन पर आरोप है कि उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की परीक्षा में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाया था।
12 अगस्त को हुई थी तहसीलदार के खिलाफ शिकायत
जानकारी के अनुसार कंचन चौहान आरएएस-2018 में चयनित अभ्यर्थी हैं। पहली पोस्टिंग 27 दिसंबर 2021 को गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) में नायब तहसीलदार के तौर पर हुई थी। करीब एक साल से वे करेड़ा में पोस्टेड हैं।
ब्यावर निवासी फणीश कुमार सोनी ने 12 अगस्त को कंचन चौहान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कंचन चौहान के नवोदय स्कूल और उदयपुर यूनिवर्सिटी से मिले एजुकेशनल डॉक्यूमेंट की जांच की मांग की गई है।
उनकी बधिरता किस साल से है? इसका जांच को लेकर भी शिकायत की गई है।
कंचन चौहान की फिर मेडिकल जांच की मांग
शिकायकर्ता सोनी की मांग है कि- कंचन चौहान का फिर मेडिकल परीक्षण कराया जाए। इसके लिए किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में मेडिकल बोर्ड का गठन हो।
इस गंभीर प्रकरण की जल्द से जल्द निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच हो। क्योंकि जिन डॉक्टर ने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाया था वो स्वैच्छिक सेवानिवृति ले चुके हैं।

कंचन सिंह चौहान के पति (सफेद शर्ट) उपमन्यु सिंह भी सरकारी नौकरी में हैं। बताया जाता है कि वो ग्राम सेवक हैं। फोटो: कंचन के तहसीलदार के लिए चयनित होने के दौरान का है।
तीसरी बार में मिली थी सफलता
कंचन ने साल 2018 में सिलेक्शन के बाद बताया था कि उन्होंने 2013 और 2016 में भी आरएएस का एग्जाम दिया था। पहले वो प्री क्लियर नहीं कर पाई थी। दूसरे प्रयास में प्री क्लियर किया, लेकिन मेंस क्लियर नहीं हुआ। वर्ष 2018 की परीक्षा में इंटरव्यू के बाद 600 के करीब रैंक हासिल की थी।

आरएएस- 2023 परीक्षा के लिए 18 सितंबर तक इंटरव्यू हो रहे हैं। इससे पहले कई कैंडिडेंट ने कैटेगिरी बदलने के लिए आवेदन किया है।

