अजमेर : अजमेर में 16 साल के लड़के के अंगदान (ऑर्गन डोनेशन) से 3 लोगों को नया जीवन मिलेगा। 2 किडनी और लिवर को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल से SMS हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गई है।
दुर्गा शंकर 9वीं कक्षा में पढ़ता था। दुर्गा के पिता जवान राम गुर्जर ने बताया- 16 सितंबर को सिर दर्द होने पर वह अचानक बेहोश हो गया था। उसे केकड़ी से जेएलएन हॉस्पिटल, अजमेर लेकर पहुंचे। चार दिन इलाज के बाद 21 सितंबर की रात 2 बजे ब्रेन डेड घोषित किया गया था। 20 सितंबर को ही परिवार ने अंगदान का निर्णय ले लिया था।

दुर्गा शंकर के पिता जवान राम गुर्जर को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रमाण पत्र दिया।
कल रात ही डॉक्टरों की टीमें पहुंच गई थीं
रविवार (21 सितंबर) रात को ही जयपुर के SMS हॉस्पिटल और चेन्नई के डॉक्टरों की टीम अजमेर के JLN हॉस्पिटल पहुंच गई थी। हार्ट को पहले चेन्नई भेजने का प्रोग्राम था। जांच में पता चला कि हार्ट कम काम कर रहा है। ऊपर से चेन्नई की दूरी भी ज्यादा है। इसलिए हार्ट को ट्रांसफर नहीं किया गया।

अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में पुलिसकर्मी तैनात रहे।
दुर्गा शंकर के परिवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने माला पहनाकर सम्मानित किया। हॉस्पिटल प्रशासन ने बॉडी को परिवार को सौंप दिया। हॉस्पिटल में देवनानी सहित तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने ‘दुर्गा शंकर अमर रहे’ के नारे लगाए और ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया।

दुर्गा शंकर गुर्जर अपनी मां के साथ। 16 सितंबर को सिर में दर्द होने के बाद बेहोश हो गया था। (फाइल फोटो)
अस्पताल के 60 साल के इतिहास में पहली बार
अजमेर के JLN हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने बताया- अस्पताल को लगभग 60 साल हो चुके हैं। अपने 60 साल के इतिहास में पहली बार अस्पताल ने ट्रांसप्लांट के लिए ऑर्गन्स निकालने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह हॉस्पिटल के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।

दुर्गा शंकर अब इस दुनिया में नहीं रहा। जाते-जाते तीन लोगों को जीवन दे गया।
1. दिमाग की नस फटने से ब्रेन डेथ हुई
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में दुर्गा शंकर गुर्जर की दिमाग की नस फटने से ब्रेन डेथ हो गई थी। इसके बाकी सारे ऑर्गन्स काम कर रहे थे। अस्पताल ने परिवार को प्रेरित किया और वे तुरंत इस पुण्य कार्य के लिए राजी हो गए।
2. 3 लोगों को नया जीवन दिया
दुर्गा शंकर के परिवार वालों के सराहनीय निर्णय के बाद फौरन ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट को लेकर ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई। लंग्स, लिवर और किडनी के लिए एसएमएस हॉस्पिटल और हार्ट के लिए चेन्नई से डिमांड आई। सोमवार सुबह भी इन अंगों को चेक किया गया। लंग्स ठीक से काम नहीं कर रहा था। इसलिए उसे छोड़ दिया गया।
3. हार्ट को ट्रांसफर नहीं किया जा सका
हार्ट को चेन्नई भेजने का प्रोग्राम था। कुछ जांचों के बाद तय किया गया कि हार्ट को चेन्नई नहीं भेजा जा सकता। दूरी ज्यादा होने के कारण ट्रांसप्लांट सक्सेस की उम्मीद कम थी। आखिर में लिवर और दो किडनी ट्रांसफर किए गए।

