गोरखपुर : गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, गद्दी विरासत में मिलती है, बुद्धि नहीं मिलती। कुछ लोगों में बचपना होता है। वह (अखिलेश) कहते हैं कि दीये जलाने की क्या जरूरत है? इसका मतलब वह दीपावली का विरोध करते हैं। अखिलेश राम द्रोही, कृष्ण द्रोही और सनातन द्रोही हैं।
सपा को उसके कृत्यों के लिए कोई रामभक्त माफ नहीं कर सकता। अयोध्या में किस निर्ममता से गोली चलाई थी। कांग्रेस ने भी लोगों की भावनाओं को नहीं समझा। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम और कृष्ण काल्पनिक हैं। आप लोग याद कीजिए पिछले साल अयोध्या में 6 करोड़ लोग दर्शन करने आए थे। यह एक नई यात्रा है।
दरअसल, 18 अक्टूबर को अखिलेश यादव लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं भगवान श्री राम जी के नाम पर सुझाव देना चाहता हूं। देखिए, दुनिया में इस समय क्रिसमस का समय है, पूरा का पूरा शहर जगमगा जाते हैं, और महीनों जगमाए रहते हैं।उन्हीं से सीख लो। क्यों खर्चा करना बार-बार दीयों का मोमबत्तियों का और ये दिमाग लगना है। इस सरकार से क्या उम्मीद कीजिएगा। हटाइये इस सरकार को। हम बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे।
लव जिहाद में खप रहा हलाल सर्टिफिकेट का पैसा
मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को गोरखपुर में आरएसएस की ओर से आयोजित ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। आयोजन संघ के शताब्दी वर्ष के अंतर्गत योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में हुआ।
सीएम ने कहा- लव जिहाद की कुत्सित मानसिकता को बढ़ावा दे रहा है। कालनेमि, सूर्पनखा और ताड़का आज भी उस दुष्प्रवृत्तियों से खुद को सतर्क रखना होगा। ये लोग छद्म नाम से काम करते हैं। बलरामपुर जिले में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के षडयंत्र को देखा होगा। कालनेमि बनकर षड्यंत्र को अंजाम दे रहा था। 3 वर्ष से उसपर नजर रखी जा रही थी।
वह 6 महीने पहले वहां से भाग गया। मेरे और मेरी टीम के अलावा कोई नहीं जानता था कि उसका नाम जलालुद्दीन था। सब उसे छांगुर बाबा के नाम से जानते थे। हर वर्ग की बालिका के लिए पैसा तय कर रखा था। पैसा आप ही के पास से आ रहा था।
सामान खरीदते समय देखिए कि हलाल वेरिफिकेशन तो नहीं लिखा। ये 25 हजार करोड़ रुपए हलाल सर्टिफिकेशन से जुटा रहे थे। कोई सामान खरीदिए तो देखिए कि जीएसटी देना है, लेकिन हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर एक रुपया नहीं देना है। यह पैसा आपके खिलाफ़ इस्तेमाल होता है।

मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलन करके मां भारती के चित्र पर पुष्पांजलि की।
महाकुंभ में पहले दिन से नकारात्मक ट्विट, जनता ने नकारा
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालु थे। इन लोगों ने तमाम षडयंत्र किए। पहले दिन से नकारात्मक ट्वीट किया, लेकिन जनता ने उसे नकार दिया। ये आयोजन के संस्कार हमें आरएसएस की पाठशाला से प्राप्त हुए। दबाव से नहीं, स्नेह मिलन के माध्यम से।
हिंदू समाज काे क्षेत्र और भाषा के नाम पर बांटने का षडयंत्र सीएम ने कहा- कुछ चीजें बहुत स्पष्ट हैं, जिसे हम बहुत हल्की निगाहों से देखते हैं। हिन्दू समाज को जाति के नाम पर क्षेत्र और भाषा के नाम पर अलग किया जा रहा है। कोई महापुरुष किसी जाति का नहीं होता, पूरे समाज का होता है। सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातियों के बीच वैमनस्यता फैला रहे हैं। सनातन पर्व और त्योहारों पर नकारात्मक टिप्पणियां, हिन्दू समाज के आराध्य पर टिप्पणियां हो रही हैं।

कार्यक्रम में एक दिया शहीदों के नाम के तहत दीप जलाते मुख्यमंत्री।
प्रजापति समाज की मेहनत को देखते तो अखिलेश ऐसा नहीं बोलते
सीएम ने कहा- मैं औरंगाबाद की ओर से जा रहा था। एक जगह धुआं निकलता दिखा तो सोचा कि ज्वालामुखी तो नहीं है। लोगों ने बताया कि मिट्टी के बर्तन पका रहा था। जब मैं मुख्यमंत्री बना तो कहा कि प्रजापति समाज के लोगों को मिट्टी फ्री मिल जाए। तालाब जल संरक्षण के लिए तैयार होगा और जलस्तर बढ़ेगा। अखिलेश यादव में यह सोच होती तो ऐसा नहीं बोलते।
दुनिया में 200 देश, आरएसएस जैसा संगठन कहीं नहीं
सीएम ने कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की खूब प्रशंसा की। कहा- जहां सरकार नहीं पहुंची, वहां संघ पहुंचा। दुनिया में करीब 200 देश हैं, उनके पास समृद्धि है, लेकिन आरएसएस जैसा संगठन नहीं है। समाज संघ के अनुशासन को कौतूहल व आश्चर्य की निगाहों से देख रहा है।
आरएसएस की 100 वर्ष की यात्रा है। यह भारत का सौभाग्य है कि इसके पास आरएसएस जैसा स्वयं सेवी संगठन है, जिसका एकमात्र ध्येय राष्ट्र प्रथम है। संघ के खिलाफ षडयंत्र कम नहीं हुए हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में कई स्वयं सेवकों को खोकर भी वहां काम किया। गोरखपुर में वनवासी छात्रावास शुरू किया। पूर्वोत्तर के बच्चे यहां आए और पढ़कर वहां गए।
अलग-अलग क्षेत्रों में पहचान बनाई। वनवासी क्षेत्रों में किसी भी सरकार से बेहतर काम आरएसएस ने किया है।

