- योगी सरकार ने पेश किया यूपी के इतिहास में सबसे बड़ा बजट
- प्रदेश के विकास के लिए खर्च होंगे ₹ 7,36,437.71 करोड़
- महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर अधिक फोकस
लखनऊ : यूपी की योगी सरकार ने सोमवार को अपना 8वां बजट पेश कर दिया। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने 1 घंटा 17 मिनट बजट भाषण पढ़ा। वित्तमंत्री ने 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए का बजट पेश किया। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। पिछले साल सुरेश खन्ना ने 1 घंटा 38 मिनट तक बजट भाषण दिया था। तब 6 लाख 90 हजार करोड़ का बजट पेश किया था।
योगी सरकार के बजट में 6 लाख 6 हजार 802 करोड़ 40 लाख रुपये (6,06,802.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियां तथा 1 लाख 14 हजार 531 करोड़ 42 लाख रुपये (1,14,531.42 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।
इसके अलावा राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 4 लाख 88 हजार 902 करोड़ 84 लाख रुपये (4,88,902.84 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 2 लाख 70 हजार 86 करोड़ रुपये (2,70,086 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2 लाख 18 हजार 816 करोड़ 84 लाख रुपये (2.18,816.84 करोड़ रुपये) शामिल है।
यूपी के इस वित्तीय वर्ष के बजट में 5 लाख 32 हजार 655 करोड़ 33 लाख रुपये (5.32,655.33 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है, जबकि 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रूपये (2.03.782.38 करोड़ रुपये) पूंजी लेखे का व्यय है। वहीं समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के बाद 15 हजार 103 करोड़ 89 लाख रुपये (15,103.89 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित है।