लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ हुई बैठक में यूपी के लिए 10 राष्ट्रीय मार्ग (कॉरिडोर) बनाने का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रीय राजमार्गों की जरूरतों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी में अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग पूरब से पश्चिम अथवा पश्चिम से पूरब को जोड़ने वाले हैं। उत्तर से दक्षिण को जोड़ते हुए नये राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की जरूरत है। उन्होंने दस नए राष्ट्रीय मार्ग बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसमें कुछ कॉरिडोर यूपी, नेपाल, राजस्थान, झारखंड, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के काशीपुर -मुरादाबाद-अलीगढ़-मथुरा-भरतपुर (राजस्थान) तक राष्ट्रीय मार्ग (कारिडोर) बनाने की बात कही। यह कारिडोर आगरा एक्सप्रेस-वे को भी जोड़ेगा। इसी प्रकार मुरादाबाद-चंदौसी-बदायूं-फर्रुखाबाद-छिबरामऊ-सौरिख मार्ग (लंबाई 270 किमी.) तक दूसरा कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया। यह कॉरिडोर गंगा एक्सप्रेस वे के साथ फर्रुखाबाद से आगरा एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ने का सुझाव दिया गया। वहीं मथुरा में पंचकोशी मार्ग को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने पर पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) कम होने की बात सामने आई। जिस पर तय हुआ कि इसके लिए अध्ययन किया जाएगा।
एनएच का काम पूरा होने से पहले टोल पर जताई आपत्ति
मुख्यमंत्री ने राजमार्गों का काम शेष रहने पर भी टोल की वसूली शुरू कर दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से सरकार को किसानों व ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के क्रियान्वयन में जो व्यवधान हैं, उनका प्रदेश में समयबद्ध ढंग से समाधान किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एवं मुआवजा वितरण को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
11500 किमी और राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार हो
मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में मांग की कि यूपी में राजमार्गों को राष्ट्रीय औसत के स्तर पर लाने के लिए 11 हजार 500 किमी और राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने होंगे। उन्होंने 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से संबंधित परियोजनाओं, जिसमें प्रयागराज रिंग रोड भी शामिल है, को भी दिसंबर 2024 तक पूरा करने की बात कही। वहीं 14 जिलों में नये बाईपास बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
1. कोटद्वार-इटावा-सागर (640 किमी.)
2. काशीपुर-मुरादाबाद-अलीगढ़-मथुरा-भरतपुर लंबाई (268 किमी)
3. पिथौरागढ़ से पीलीभीत-शाहजहांपुर-कानपुर-छतरपुर (मध्यप्रदेश) (लंबाई 469 किमी)
4. गौरीफंटा (नेपाल)-लखीमपुर-सीतापुर-लखनऊ-चित्रकूट-सतना (मध्य प्रदेश) (350 किमी)
5. भोगनीपुर-हरदोई-सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा (नेपाल सीमा) (लंबाई 349 किमी.)
6. बगहा (नेपाल)- पडरौना-देवरिया–गाजीपुर-मेदिनीनगर (झारखंड) (लंबाई 401 किमी.)
7. टुंडला (एनएच-दो)-एटा (एनएच 91)-कासगंज (एनएच-53 बी) मार्ग (लंबाई 120 किमी.)
8. मुरादाबाद-बदायूं-फर्रुखाबाद-सौरिख मार्ग (लंबाई 270 किमी.)
9. गोसाईगंज(एनएच-56)-मोहनलालगंज (एनएच-24 बी)-बनी (एनएच-27)-मोहान मार्ग (62 किमी)
10. ककरहवा (नेपाल सीमा)-बस्ती-जौनपुर-मिर्जापुर-सिंगरौली (मध्यप्रदेश)-(लंबाई 415 किमी.)