नई दिल्ली : मणिपुर में शांति बहाली के लिए सरकार ने दो बड़े कदम उठाए हैं। मणिपुर सरकार ने भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेनबम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया है। अब कर्नल संजेनबम मणिपुर पुलिस के लड़ाकू विभाग को नेतृत्व करेंगे। इनका कार्यकाल पांच साल के लिए रहेगा। वहीं राजधानी इंफाल में आखिरी बचे 10 कुकी परिवारों को सरकार ने कांगपोकपी जिले के मोटबुंग में भेज दिया है। यहां कुकी लोग रहते हैं और असम राइफल्स के शिविर भी हैं।

इंफाल में पहले करीब 300 कुकी परिवार रहा करते थे लेकिन हिंसा के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गई। मणिपुर में स्थिति हिंसात्मक बनी हुई है। चुराचांदपुर व बिष्णुपुर में मौत का सिलसिला रूका नहीं है। पिछले पांच दिनों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान आए दिन हथियार, गोला और बारूद बरामद हो रहा है। गौरतलब है कि 3 मई से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई जो अब तक 160 लोगों की जान ले चुकी है।

कर्नल संजेनबम वही कर्नल हैं जिन्होंने 2015 में म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इन्होंने ही म्यांमार में घुसकर उग्रवादियों को मार गिराया था। कर्नल संजेनबम सेना की 21 पैरा में काम कर चुके हैं। यह कीर्ति चक्र से भी सम्मानित हैं। म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के लिए इन्हें शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस सैन्य कार्रवाई ने उग्रवादियों की औकात और भारतीय सेना के शौर्य का दर्शन दुनिया को कराया था। कर्नल संजेनबम पर अब मणिपुर में शांति लाने की जिम्मेदारी है। मैतेई मणिपुर की आबादी के 53 फीसदी हैं ये ज्यादातर इंफाल में रहते हैं वहीं नागा और कुकी 40 फीसदी हैं और यह पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।

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