दैनिक उजाला, मथुरा : किसानों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों से लेकर खेती के हर पहलू को समझने के उद्देश्य से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के कृषि विज्ञान संकाय द्वारा बीएससी (ऑनर्स) कृषि एवं एमएससी (कृषि) के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का सफल आयोजन किया गया। यह भ्रमण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान एवं अनुभवात्मक अधिगम प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मोदिपुरम, मेरठ का भ्रमण किया। यहां विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर का अवलोकन किया और हरित क्रांति के इतिहास, आधुनिक कृषि अनुसंधान कार्यों तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आर एस सेंगर से विद्यार्थियों ने वैश्विक ऊष्मीकरण का कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूल कृषि तकनीकों के बारे में सीखा। उन्होंने एकीकृत खेती प्रणाली के अंतर्गत चल रहे प्रयोगों का अवलोकन किया और कृषि आधारित प्रदर्शनी का भ्रमण कर बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र, उर्वरक, सिंचाई तकनीक तथा फसल विविधीकरण की नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

इसके पश्चात विद्यार्थियों ने बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन, एपीडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, मोदिपुरम, मेरठ का भ्रमण किया। जहां वैज्ञानिक डा. प्रमोद तोमर ने विद्यार्थियों को बासमती धान की उन्नत खेती, बीज उत्पादन तकनीक एवं गुणवत्ता सुधार उपायों की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रायोगिक खेतों में चल रहे बीज उत्पादन एवं प्रदर्शन प्रयोगों का अवलोकन कराया।
विद्यार्थियों ने इस अवसर पर पशु प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जिसमें गाय, भैंस, बकरी आदि की विभिन्न उन्नत नस्लों का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने दुग्ध उत्पादन, पशु पोषण एवं पशु स्वास्थ्य प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त कीं।

भ्रमण के सफल आयोजन पर कुलपति प्रो. अनुप कुमार गुप्ता ने विद्यार्थियों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक ज्ञान से जोड़ते हैं और उन्हें कृषि क्षेत्र में नवाचार एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सदैव ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहित करता रहेगा। कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने भी आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान संकाय द्वारा किया गया यह प्रयास विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक सराहनीय पहल है। विश्वविद्यालय प्रशासन भविष्य में भी ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रमों को पूर्ण सहयोग देता रहेगा।

भ्रमण का संचालन जीएलए कृषि विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रोहित कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया। डा. रोहित ने बताया कि भ्रमण का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को कृषि अनुसंधान संस्थानों की कार्यप्रणाली, प्रयोगात्मक खेती, जलवायु परिवर्तन, एकीकृत खेती प्रणाली, पशुपालन एवं नवीन कृषि तकनीकों के माध्यम से व्यवहारिक ज्ञान एवं प्रेरणा प्रदान करना था।
भ्रमण के दौरान जीएलए कृषि विभाग असिस्टेंट प्रोफेसर डा. बिप्लव चंद्र सरकार, डा. सागर तथा डॉ. शिपा रानी ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।

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