• पुलिस ने छापेमारी में 70 हजार के नकली नोट बरामद किए हैं।

मुंबई : महाराष्ट्र के पुणे शहर (Pune News) के पास नकली नोट छापने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है, जहां जाली 500 रुपये के नोट छापने का अवैध धंधा चल रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad) में कई महीने से 500 रुपये के हुबहु नोट छापने का काम चल रहा था। जाली नोट छापने के लिए पेपर ऑनलाइन चीन से मंगवाए गए थे।

पिंपरी-चिंचवड पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी नकली नोट ऑफसेट मशीन की मदद से छाप रहे थे। इन्हें बेचने के दौरान गिरोह का पर्दाफाश हो गया।

मिली जानकारी के मुताबिक, देहुर रोड पुलिस ने जाली नोट बनाने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने चीन से ऑनलाइन कागज मंगवाया था और उस पर नकली भारतीय करेंसी नोट छापते थे। छापेमारी में 70 हजार के नकली नोट बरामद हुए है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रितिक चंद्रमणि खडसे (उम्र 22), सूरज श्रीराम यादव (उम्र 41), आकाश विराज धंगेकर (उम्र 22), सुयोग दिनकर सालुंखे (उम्र 33), तेजस सुकदेव बल्लाल (उम्र 19) और प्रणव सुनील गवने (उम्र 30) के तौर पर हुई है।

आरोपी रितिक ने आईटी में डिप्लोमा किया हुआ है। वह एक निजी कंपनी में काम करता है। आरोपी ने प्रिंटिंग व्यवसाय चलाने के लिए पुणे के दिघी इलाके में एक दुकान किराए पर ली थी। इसके बाद एक पुरानी प्रिंटिंग मशीन खरीदी। लेकिन प्रिंटिंग का काम नहीं मिला और बड़ा घाटा होने लगा। हालत यह हो गए कि दुकान का किराया भी निकलना मुश्किल हो गया। अन्य खर्चों का भी बोझ बढ़ता जा रहा था।

इस बीच, आरोपी सूरज ने कहा कि नकली नोट छापने से फायदा होगा। उसे नोटों को डिजाइन करना भी आता था। इसके बाद आरोपियों ने जाली नोट छापने का काला कारोबार शुरू किया।
इसके मुताबिक, अलीबाबा वेबसाइट से तेजस के पते पर चीन से पेपर ऑर्डर किया गया। दो लाख नकली नोट छापने के लिए आरोपियों ने खास कागज चीन से मंगवाया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में 500 रुपये के 70 हजार मूल्य के नकली नोट छापे गए। पुलिस ने नकली नोट, प्रिंटिंग मशीन समेत 5 लाख 42 हजार रुपये की चीजें जब्त की है।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपियों ने अब तक नोट सर्कुलेट किए हैं या नहीं। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस गिरोह की जड़ें कितनी गहरी हैं और गिरोह की मदद किसने की और उन्होंने हूबहू नोट कैसे तैयार किए। जांच में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

banner