दैनिक उजाला, डेस्क : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शाम को अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया गया। यह पंजाब के अमृतसर जिले में भारत-पाक सीमा पर आयोजित होता है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान यहां पहुचे लोगों को देशभक्ति और गर्व का अद्भुत संगम देखने को मिला।

  • इस बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में BSF के जवानों ने देशभक्ति से भर देने वाले एक्शन दिखाए। इस दौरान भारतीय जवानों के जोशीले नारे, परेड और देशभक्ति भरे माहौल ने हर किसी का मन मोह लिया।इस बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में BSF के जवानों ने देशभक्ति से भर देने वाले एक्शन दिखाए। इस दौरान भारतीय जवानों के जोशीले नारे, परेड और देशभक्ति भरे माहौल ने हर किसी का मन मोह लिया।
  • इस बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में पहली बार बिगुल की धुन को भी शामिल किया गया। छह फीट से ऊंचे कद वाले बीएसएफ जवानों ने अपने पैर पटककर ऐसी आवाज पैदा की पूरा आसमान गूंजायमान हो गया।इस बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में पहली बार बिगुल की धुन को भी शामिल किया गया। छह फीट से ऊंचे कद वाले बीएसएफ जवानों ने अपने पैर पटककर ऐसी आवाज पैदा की पूरा आसमान गूंजायमान हो गया।
  • बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को देखने के लिए पहुंचे हजारों दर्शकों में उत्साह का माहौल था। इस दौरान भारतीय दर्शकों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाकर जवानों का उत्साह बढ़ाया।बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को देखने के लिए पहुंचे हजारों दर्शकों में उत्साह का माहौल था। इस दौरान भारतीय दर्शकों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाकर जवानों का उत्साह बढ़ाया।
  • बता दें कि भारत-पाकिस्तान की सीमा पर अटारी वाला हिस्सा भारत में और वाघा वाला हिस्सा पाकिस्तान में स्थित है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान भारत की तरफ से बीएसएफ के जवानों का जोशीला एक्शन देखने को मिलता है।बता दें कि भारत-पाकिस्तान की सीमा पर अटारी वाला हिस्सा भारत में और वाघा वाला हिस्सा पाकिस्तान में स्थित है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान भारत की तरफ से बीएसएफ के जवानों का जोशीला एक्शन देखने को मिलता है।
  • राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की सुबह कर्तव्य पथ पर समारोह का आयोजन किया गया। वहीं अटारी-वाघा बॉर्डर पर साल 1959 में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का सबसे पहले आयोजन हुआ था। इसे देखने के लिए दूर-दूर से दर्शक यहां आते हैं।राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की सुबह कर्तव्य पथ पर समारोह का आयोजन किया गया। वहीं अटारी-वाघा बॉर्डर पर साल 1959 में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का सबसे पहले आयोजन हुआ था। इसे देखने के लिए दूर-दूर से दर्शक यहां आते हैं।

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