नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा 14 मार्च 2024 को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया था। इसमें दिया गया है कि किस किस पार्टी को कितने रुपये का चंदा मिला और किस किस कंपनी ने कितने बॉन्ड खरीदे। इस वेबसाइट के मुताबिक 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक बीजेपी को 6,060 करोड़ रुपये चंदा मिला। इसके अलावा कांग्रेस और AAP को 5 साल में 1,421.86 करोड़ रुपये और 65.45 करोड़ रुपये मिले। इसी चंदे की राशी को लेकर विपक्ष ने कोविशील्ड विवाद पर BJP से सवाल दागे हैं।
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि आखिर कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने महामारी के समय बीजेपी को करोड़ों का चंदा क्यों दिया? यह एक गंभीर विषय है क्योंकि कोविड के समय हर इंसान अपने सामर्थ से अधिक इंसानियत के लिए कुछ करने का प्रयास कर रहा था। ऐसे में सबसे धन संपन्न पार्टी बीजेपी का वैक्सीन वालों से चंदा लेना समझ से परे है।
RJD ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण हार्ट अटैक से हुई लाखों मौतों एवं भविष्य में भी अगर हार्ट-अटैक से आपकी, हमारी अथवा किसी की भी मौत होती है तो इसके जिम्मेदार कौन होंगे, प्रधानमंत्री जी? बीजेपी ने Electoral Bond के ज़रिए चंदा लेने के चक्कर में करोड़ों देशवासियों को क्या गलत वैक्सीन दिलवा दी?
‘देशवासियों की जान का सौदा है मोदी की गारंटी’
अजय राय ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देशवासियों की जान का सौदा किया। क्या यही है मोदी की गारंटी? उन्होंने आदार पूनावाला से 52 करोड़ का चंदा लेकर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की जान का सौदा करने का भी आरोप लगाया है।
अखलेश यादव ने कहा कि बीजेपी वालों ने जिस तरह लोगों से प्रचार करके कहा कि लगाइए वैक्सीन, आज तो वो भी जुमला निकला। बीजेपी वालों को वोट ना देकर जनता जिस तरह से झूठ बोला गया था उसका हिसाब किताब लेगी।
सीएम चंपाई ने केंद्र से पूछा, इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं। इसे ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने बनाया था। इस कंपनी द्वारा बीजेपी को 52 करोड़ चंदा देने की जो चर्चा मीडिया/ सोशल मीडिया में चल रही है, क्या वह सच है?