बेंगलुरू : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को बेलगावी में एक रैली के दौरान असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) को थप्पड़ मारने की कोशिश की।
दरअसल, सिद्धरमैया जैसे ही भाषण देने के लिए उठे, भीड़ में मौजूद कुछ भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। उन्होंने CM को काले झंडे भी दिखाए।
इससे सिद्धारमैया नाराज हो गए और सुरक्षा में तैनात ASP नारायण भरमनी पर भड़क उठे। मामले का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
नाराज CM ने मंच से ही ASP से कहा- आप जो भी हैं, यहां आएं। जब ASP भरमनी मंच पर पहुंचे तो CM ने उनसे पूछा- आप क्या कर रहे थे।
इसके बाद CM ने थप्पड़ मारने के लिए अपना हाथ उठा दिया। ASP भरमनी कुछ पीछे हटे तो सिद्धारमैया रुक गए।
राज्य में विपक्षी पार्टी भाजपा और जनता दल सेक्युलर (JDS) इस घटना को लेकर हमलावर हैं।
JDS बोली- CM ने गली के उपद्रवी की तरह बर्ताव किया
JDS ने X पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा- सिद्धारमैया, आपको सत्ता का अहंकार है। ASP को मारने के लिए हाथ उठाना आपके पद को शोभा नहीं देता है।
आप मुख्यमंत्री हैं और गली के उपद्रवी की तरह ASP को मारने की कोशिश की। यह माफी के लायक नहीं है। आपका कार्यकाल केवल 5 साल का है, लेकिन सरकारी अधिकारी 60 साल की उम्र तक सेवा करता है। सत्ता स्थायी नहीं है, अपना आचरण सुधारें।
वहीं, भाजपा ने घटना पर सवाल किया कि मुख्यमंत्री राज्य के लोगों को क्या संदेश दे रहे हैं। अगर मुख्यमंत्री ASP को थप्पड़ मारने की कोशिश कर रहा है तो क्या कर्नाटक कांग्रेस पुलिसकर्मियों का कोतवाल गिरोह अकेला रह जाएगा।
2 साल पहले कार्यकर्ता को थप्पड़ मारा था
मार्च, 2023 में सिद्धारमैया ने एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मारा था। उस समय वे मुख्यमंत्री नहीं थे। सिद्धारमैया बादामी शहर में कांग्रेस के एक विरोध प्रदर्शन के बीच पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। इसी दौरान उन्होंने एक कार्यकर्ता को अचानक थप्पड़ मार दिया।
महिला ने विधायक बेटे का काम पूछा तो भड़के सिद्धारमैया

गुस्से में आकर सिद्धारमैया ने महिला को चुप रहने और बैठ जाने को कहा।
साल 2019 में मैसूर में स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान सिद्धारमैया ने एक महिला से बदसलूकी की थी। महिला ने उनके विधायक बेटे के काम के बारे में पूछा था। इस पर सिद्धारमैया नाराज हो गए और महिला से माइक छीन लिया। इस दौरान उसका दुपट्टा भी गिर गया। गुस्से में आकर सिद्धारमैया ने महिला को चुप रहने और बैठ जाने को कहा।