- आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अब अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लिख सकेंगे, वे किसी को प्रिस्क्रिप्शन भी नहीं लिख सकते
कोलकाता : आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अब अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लिख सकेंगे। वे किसी को प्रिस्क्रिप्शन भी नहीं लिख सकते। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी की गई। आरजी कर अस्पताल हत्या और बलात्कार मामले में भ्रष्टाचार और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में संदीप फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं।
आरजी कर रेप-मर्डर मामले में सीबीआई आशीष नाम के शख्स की तलाश कर रही है, जो घटना वाले दिन साल्टलेक के एक होटल में ठहरा था। सीबीआई ने गुरुवार को होटल अधिकारियों को दस्तावेज के साथ सीजीओ कॉम्पलेक्स बुलाया। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक शुरुआत जांच में सामने आया है कि यह शख्स आरजी कर मामले में शामिल हो सकता है।
माकपा के युवा संगठन डीवाइएफआई की राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी से सीबीआई ने गुरुवार को सीजीओ कॉम्प्लेक्स में करीब दो घंटे पूछताछ की। आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त की रात को हुई तोड़फोड़ मामले में सीबीआई ने उनको तलब किया था। 9 अगस्त को मीनाक्षी अस्पताल गईं थीं और पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता से मिलीं थीं। पुलिस की गाड़ी को रोकती मीनाक्षी की कुछ तस्वीर भी इससे पहले कोलकाता पुलिस ने इस तोडफ़ोड़ की घटना में मीनाक्षी को नोटिस देकर तलब किया था।