दैनिक उजाला, नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया। महाराष्ट्र में सिंगल फेज में 20 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं, झारखंड में 2 फेज में चुनाव होंगे। पहली वोटिंग 13 नवंबर को और दूसरे फेज की वोटिंग 20 नवंबर को होगी। नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को होगा।

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को, वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है।

झारखंड में फर्स्ट टाइम वोटर्स 11.84 लाख

राजीव कुमार ने बताया कि झारखंड में 24 जिले और 81 विधानसभा सीटें हैं। 5 जनवरी 2025 को टर्म पूरा हो रहा है। 2.6 करोड़ वोटर्स हैं। फर्स्ट टाइम वोटर्स 11.84 लाख हैं। पोलिंग स्टेशन एक लाख 186 हैं। इस बार भी हम पीडब्ल्यूडी और विमन मैनेज्ड बूथ बनाएंगे। 1.14 लाख वोटर्स 85 प्लस एज के हैं। पोलिंग स्टेशन 29 हजार 562 हैं।

महाराष्ट्र में 20-29 साल के 1.85 करोड़ वोटर्स

महाराष्ट्र में कुल वोटर्स 9.63 करोड़ वोटर्स हैं, जिनमें 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिलाएं हैं। 20-29 साल के 1.85 करोड़ मतदाता हैं। 20.93 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।

13 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव

इसके अलावा 13 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव की घोषणा हो सकती है। इनमें उत्तर प्रदेश की 10, राजस्थान की 7, पश्चिम बंगाल की 6, असम की 5, बिहार की 4, पंजाब की 4, कर्नाटक की 3, केरल की 2, मध्य प्रदेश की 2, सिक्किम की 2, गुजरात की 1, उत्तराखंड की 1 और छत्तीसगढ़ की 1 विधानसभा सीटें शामिल हैं।

महाराष्ट्र का राजनीतिक समीकरण

महाराष्ट्र में महायुति यानी शिवसेना, भाजपा और NCP अजित पवार गुट की सरकार है। एंटी इनकम्बेंसी और 6 बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी।

2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें BJP को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव से NDA को 41 सीटें मिली थीं। 2014 में यह आंकड़ा 42 था। यानी आधे से भी कम।

2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमट जाएगी। विपक्षी गठबंधन के एक सर्वे में राज्य की 288 सीटों पर MVA यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

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