नई दिल्ली : इज़राइल-ईरान संघर्ष (Iran Israel conflict evacuation) के बीच भारत सरकार के ‘ऑपरेशन सिंधु’ (Operation Sindhu) के तहत रात 2 बजे तेहरान (India evacuation Iran) से एक विशेष विमान भारत पहुंचा (Tehran flight India), जिसमें 110 भारतीय छात्र और कामकाजी नागरिक सुरक्षित निकाले गए। हालांकि, भारत लौटने के बाद छात्रों ने बसों की खराब व्यवस्था को लेकर असंतोष जताया और कुछ ने बसों में बैठने से इनकार कर दिया। इंतजार में व्यर्थ समय बिताने और अधूरे इंतजामों ने उनकी उम्मीदों को ठेस पहुंचाई। संघर्ष प्रभावित ईरान से निकालने के बाद इस मिशन में बड़ी संख्या में छात्र और कामकाजी भारतीयों (Indian students in Iran) को सुरक्षित निकाला गया। हालांकि एयरलिफ्ट के बाद उनके भारत आगमन की प्रक्रिया को लेकर कई छात्रों ने असंतोष भी जाहिर किया है।
घर तो लौटे, लेकिन स्वागत नहीं वैसा जैसा उम्मीद थी
दिल्ली पहुंचने के बाद जम्मू-कश्मीर वापस लौटने के इंतजामों को लेकर निराश दिख एक छात्र ने कहा,”हम सुबह 3 बजे से इंतजार कर रहे हैं। हमारी भावनाएं आहत हुई हैं। छात्रों का कहना है कि पहले से दी गई बसें सही स्थिति में नहीं थीं और इंतजाम अधूरे रहे। कई छात्रों ने खुद फ्लाइट या टैक्सी से लौटने की बात कही।
बसों के इंतजाम के बारे में जाहिर की नाराज़गी, फिर बदली व्यवस्था
छात्रों की प्रतिक्रिया के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए नई बसों की व्यवस्था की, ताकि निकाले गए छात्र अपने घरों तक आसानी से पहुंच सकें। सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि “बसों की व्यवस्था को लेकर जो मुद्दे थे, अब सुलझा लिए गए हैं।”
अब ईरान में कैसे हैं हालात ?
राजधानी तेहरान में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
कई इलाकों में अब भी सुरक्षा बल तैनात हैं।
भारतीय दूतावास ने राहत अभियान के लिए 24×7 हेल्पलाइन सक्रिय रखी है।
तेहरान से आए छात्रों की मुख्य बातें
“निकासी के बाद ज़मीन पर प्रबंधन कमज़ोर था।”
“हमें खुद इंतज़ाम करने पड़े, जिससे भावनात्मक और आर्थिक झटका लगा।”
“अब जब बसें भेजी गईं हैं, तो थोड़ा भरोसा लौटा है।”
ऑपरेशन सिंधु: एक नज़र में
विवरण | आंकड़े/तथ्य |
---|---|
ऑपरेशन नाम | ऑपरेशन सिंधु |
निकासी स्थान | तेहरान, ईरान |
आगमन समय | रात 2 बजे (भारतीय समयानुसार) |
यात्रियों की संख्या | दर्जनों भारतीय, मुख्य रूप से छात्र |
गृह वापसी व्यवस्था | राज्य सरकारों के सहयोग से |
कनेक्ट हेल्पलाइन | दूतावास द्वारा संचालित 24×7 सेवा |
छात्रों व अधिकारियों का रिएक्शन
फैज़ान अहमद, निकाले गए छात्र (कश्मीर): “हमारी उम्मीद थी कि भारत पहुंचने के बाद राहत मिलेगी, लेकिन बसों की व्यवस्था बेहद निराशाजनक रही। हमें लग रहा है कि निकासी तो हुई, पर सम्मान नहीं मिला।”
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता: “ऑपरेशन सिंधु एक जटिल लेकिन जरूरी कदम था। हर व्यक्ति को सुरक्षित लाना हमारी प्राथमिकता रही है। राज्य सरकारों से समन्वय लगातार जारी है।”
सीएम उमर अब्दुल्ला (X पर): “जम्मू-कश्मीर लौट रहे छात्रों के लिए जो भी असुविधा हुई, वह अब दूर की जा चुकी है। सभी को सुरक्षित घर पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।”
तेहरान के हालात और सिंधु मुहिम
वायुसेना की ओर से अगली फ्लाइट की तैयारी
– अगर जंग और तेज होती है तो अगले 48 घंटों में दूसरा एयरलिफ्ट ऑपरेशन संभावित।
राज्य सरकारों को सतर्कता निर्देश
– सभी राज्यों को गृह मंत्रालय ने निर्देश भेजे हैं कि एयरपोर्ट पर ट्रांज़िट व्यवस्था में देर न हो।
साइकोलॉजिकल काउंसलिंग की शुरुआत
– निकाले गए छात्रों के लिए दिल्ली, श्रीनगर और मुंबई में विशेष परामर्श सत्र शुरू होंगे।
मानसिक तनाव और इमोशनल टोल
निकाले गए छात्रों में से कई PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder) जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
अब उन्हें केवल फिजिकल नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल रिकवरी की जरूरत भी सामने आई है।
एविएशन लॉजिस्टिक्स और डिप्लोमैटिक कूटनीति
ईरान से उड़ानों के लिए भारत को तेज़ी से डिप्लोमैटिक क्लियरेंस और हवाई सुरक्षा पास प्राप्त करने पड़े।
राज्यों के बीच समन्वय की परीक्षा
यह स्थिति दर्शाती है कि राष्ट्रीय आपदा परिस्थितियों में राज्यों के बीच तालमेल कितना अहम है।
(इनपुट क्रेडिट: प्रवास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय) और X के सरकारी एकाउंट्स।)