नई दिल्ली : मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट 23 जुलाई को पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगी। बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसकी मंजूरी दे दी है। यह बजट मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट होगा। फरवरी में सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था।
फुल और अंतरिम बजट होता क्या है? इनमें क्या अंतर है?
केंद्रीय बजट देश का सालाना फाइनेंशियल लेखा-जोखा होता है। यूं कहें कि बजट किसी खास वर्ष के लिए सरकार की कमाई और खर्च का अनुमानित विवरण होता है।
बजट के जरिए सरकार यह तय करने का प्रयास करती है कि आगामी वित्त वर्ष में वह अपनी कमाई की तुलना में किस हद तक खर्च कर सकती है। सरकार को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में बजट पेश करना होता है। भारत में वित्त वर्ष का पीरियड 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
वहीं अंतरिम बजट सरकार को आम चुनावों का फैसला होने और नई सरकार बनने के बाद फुल बजट की घोषणा करने तक, देश को चलाने के लिए धन उपलब्ध कराता है। अंतरिम बजट शब्द आधिकारिक नहीं है। आधिकारिक तौर पर इसे वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है।
1 फरवरी 2024 को पेश हुआ था अंतरिम बजट
इस साल अप्रैल में लोकसभा चुनाव होने थे, लिहाजा सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का छठा बजट था। इसमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता, यानी किसान फोकस में दिखे। अब अंतरिम बजट की मुख्य बातें…
इनकम टैक्स: स्लैब में कोई बदलाव नहीं
इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं मिली। पुरानी टैक्स रिजीम पर 2.5 लाख रुपए तक की कमाई ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बच सकता है।
नई टैक्स रिजीम पर भी पहले की तरह 3 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री है। इसमें 87A के तहत सैलरीड पर्सन ₹7.5 लाख रुपए तक और बाकी ₹7 लाख तक की कमाई पर छूट ले सकते हैं।
महिला: 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का टारगेट
महिलाओं के लिए उम्मीद से कम घोषणाएं की गईं। 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया। सर्वाइकल कैंसर रोकने के लिए 9-14 साल की बच्चियों को फ्री टीका लगाया जाएगा।
सभी आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं और हेल्पर्स को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाया जाएगा।
किसान: फसलों की MSP का दायरा नहीं बढ़ा
फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) का दायरा नहीं बढ़ाया गया। वहीं, साल में 6,000 रुपए की किसान सम्मान निधि में भी इजाफा नहीं किया गया।
सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर को ₹1.27 लाख करोड़ दिए हैं, जो पिछली बार के मुकाबले केवल 2% ही ज्यादा है। पिछली बार एग्रीकल्चर बजट में ₹1.25 लाख करोड़ मिले थे।
शिक्षा-रोजगार: 1 लाख करोड़ का कॉर्पस फंड
शिक्षा और रोजगार पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। हालांकि ₹1 लाख करोड़ के कॉर्पस फंड का ऐलान किया है। इससे 50 साल तक की अवधि के लिए इंट्रेस्ट फ्री लोन दिया जाएगा।
डिफेंस: पिछले साल के मुकाबले 3.4% की बढ़ोतरी
डिफेंस खर्च के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपए दिए गए। यह पिछले साल से केवल ₹0.27 लाख करोड़ यानी 3.4% ज्यादा है।
हालांकि अंतरिम बजट में सबसे बड़ा हिस्सा डिफेंस का ही है। इसे कुल बजट का 8% मिला है। सरकार डीप-टेक टेक्नोलॉजी को मजबूत करेगी, ताकि देश हथियारों के लिए आत्मनिर्भर बने।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: मेट्रो और नमो भारत प्रोजेक्ट बढ़ेंगे
मेट्रो और नमो भारत जैसे प्रोजेक्ट्स बढ़ाए जाएंगे। देश में रेलवे फ्रेट कॉरिडोर के अलावा 3 और रेलवे कॉरिडोर बनाए जाएंगे। साथ ही 40 हजार रेल कोचेस को वंदे भारत स्टैंडर्ड का बनाया जाएगा।
कोयले से गैस बनाने की कैपेसिटी 2030 तक 100 मीट्रिक टन की जाएगी, ताकि नेचुरल गैस, मेथेनॉल और अमोनिया के इम्पोर्ट का खर्च घटे।
वित्त मंत्री ने G-20 समिट के दौरान घोषित इंडिया-मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर को भारत और दुनिया के लिए गेमचेंजर बताया। हालांकि इसकी प्रोग्रेस के बारे में कुछ नहीं कहा।