नई दिल्ली : केरल के वायनाड में तेज बारिश के बाद हुई लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 165 हो गई हैं। 131 लोग अस्पताल में हैं, जबकि 220 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट लिखाई गई है।

यह लैंडस्लाइड सोमवार देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं।

आर्मी, एयरफोर्स, NDRF, SDRF, पुलिस और डॉग स्क्वॉड की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। देर रात तक 1 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया, 3 हजार लोगों को रिहैब सेंटर में भेजा गया है।

रेस्क्यू का आज दूसरा दिन है। मौसम विभाग ने वायनाड समेत 5 जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ सकती है।

केरल के पांच जिलो में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार को वायनाड समेत 5 जिलों मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड कन्नूर और कासरगोड जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है।

स्कूल-कॉलेजों की छुट्‌टी, यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं टलीं
हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। 12 जिलों में स्कूल-कॉलेज में 30 जुलाई को छुट्टी घोषित कर दी गई। केरल यूनिवर्सिटी ने 30 और 31 जुलाई को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। नई तारीखों का ऐलान बाद में किया जाएगा।

पिछले 24 घंटे में क्या-क्या हुआ 5 पॉइंट्स…

1. मुंडक्कई गांव में सबसे ज्यादा नुकसान, यहां 250 लोग फंसे
वायनाड का मुंडक्कई गांव लैंडस्लाइड की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला पुल बह गया है, जिससे क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। मुंडक्कई में करीब 250 लोगों के फंसे होने की खबर है। यहां कई घर बह गए हैं, जिनमें 65 परिवार रहते थे।

पास के एक टी एस्टेट के 35 कर्मचारी भी लापता हैं। कोझिकोड जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, सभी ग्रेनाइट खदानों को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा गया है।

2. इन्हीं इलाकों में 5 साल पहले लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुईं
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।

3. चूरलमाला गांव से दो विदेशी नागरिकों को बचाया गया
जिला पंचायत अध्यक्ष समशाद मरईक्कर ने बताया कि मुंडक्कई सड़क मार्ग से पहुंचा नहीं जा सकता है। मोबाइल नेटवर्क भी ठप है। चूरलमाला गांव में भी नुकसान ज्यादा है। यहां रेस्क्यू जारी है। यहां कई घर बह गए हैं। कई लोगों को बचाया गया है, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। ये एक होमस्टे में रुके थे। यहां रेस्क्यू टीम एक-एक घरों की जांच कर रही है।

4. कंट्रोल रूम बनाया गया, हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए
वायनाड लैंडस्लाइड के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल रूम बना दिया है। साथ ही दो हेल्पलाइन नंबर 8086010833 और 9656938689 जारी किए। केरल के स्वास्थ्य मंत्री ऑफिस ने बताया है कि वायनाड के चूरलमाला में घायलों का इलाज करने के लिए एक मस्जिद और मदरसे में टेम्परेरी हॉस्पिटल बनाया गया है।

5. केंद्र ने मुआवजा देने की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल सरकार को केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायनाड की घटना पर सरकार से हर संभव मदद पहुंचाने की अपील की है।

वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें…

लैंडस्लाइड के बाद मिट्‌टी में दबे घरों के मलबे को बुलडोजर से हटाती रेस्क्यू टीम।

लैंडस्लाइड के बाद मिट्‌टी में दबे घरों के मलबे को बुलडोजर से हटाती रेस्क्यू टीम।

लैंडस्लाइड से पहाड़ की मिट्‌टी और मलबे में घर का लगभग पूरा हिस्सा जमींदोज हो गया।

लैंडस्लाइड से पहाड़ की मिट्‌टी और मलबे में घर का लगभग पूरा हिस्सा जमींदोज हो गया।

घरों के टूटे हुए भारी हिस्सों को हटाने के लिए सेना के साथ आम लोग भी जुट गए।

घरों के टूटे हुए भारी हिस्सों को हटाने के लिए सेना के साथ आम लोग भी जुट गए।

हादसे में कई लोग फंसे हैं। एक घायल को इलाज के लिए स्ट्रैचर पर ले जाती रेस्क्यू टीम।

हादसे में कई लोग फंसे हैं। एक घायल को इलाज के लिए स्ट्रैचर पर ले जाती रेस्क्यू टीम।

जिन इलाकों में पैदल पहुंचना मुश्किल हो रहा, वहां केबल के जरिए लोगों को निकाला जा रहा।

जिन इलाकों में पैदल पहुंचना मुश्किल हो रहा, वहां केबल के जरिए लोगों को निकाला जा रहा।

सेना अपने हेलिकॉप्टर से लैंडस्लाइड में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है।

सेना अपने हेलिकॉप्टर से लैंडस्लाइड में फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है।

रेस्क्यू टीम लैंडस्लाइड प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।

रेस्क्यू टीम लैंडस्लाइड प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।

मलबे से महिला, बच्चों को निकालती रेस्क्यू टीम। ऑपरेशन आज भी जारी है।

मलबे से महिला, बच्चों को निकालती रेस्क्यू टीम। ऑपरेशन आज भी जारी है।

रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।

रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।

वायनाड के जिला अस्पताल में अपनों के शव लेने के लिए परिजनों की लाइन लगी हुई है।

वायनाड के जिला अस्पताल में अपनों के शव लेने के लिए परिजनों की लाइन लगी हुई है।

वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है
वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।

वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।

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