अयोध्या : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख करीब आ रही है। ऐसे में भव्य राम मंदिर में राजस्थान का योगदान अहम है। एक ओर जहां जोधपुर से रामलला की पहली आरती और हवन के लिए 600 किलो घी रवाना किया गया है तो वहीं नागौर के मकराना से भगवान राम का संगमरमर का आसन तैयार किया गया है।
यूपी के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। हर कोई रामलला के दर्शन करने को बेताब है। राम मंदिर के निर्माण में हर कोई भागीदारी भी निभाना चाहता है, लेकिन भव्य राम मंदिर में राजस्थान का योगदान सबसे अहम है। गौरतलब है यूपी के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। आने वाली 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रस्तावित है। रामलला की प्रतिमा गर्भगृह में विराजमान होगी और भगवान की यह प्रतिमा जिस चबूतरे (आसन) पर प्रतिष्ठापित की जाएगी, उस पर लगने वाली शिलाएं मकराना में तैयार की गई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक मकराना से यह अष्टकोणीय शिलाएं अब अयोध्या के लिए रवाना होंगी। इससे पूर्व इसे शहर में आमजन के दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में शहरवासियों ने इसके दर्शन किए। एक बार गर्भगृह में लगने के बाद इस शिला तक कोई भी श्रद्धालु नहीं पहुंच सकेंगे।